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मैंने पद्मावत देखी, हिंसा करने वाले राजपूतों का हो बहिष्कार: सिसोदिया

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि संविधान बनाने वाले वालों ने संविधान ये सोचकर बनाया होगा कि देश शिक्षित हो, देश में धर्म और जाति का भेदभाव नहीं हो.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
अंकुर कुमार/रोहित मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 11:49 PM IST

मौका तो था 26 जनवरी गणतंत्र दिवस का, लेकिन इस मौके पर भी दिल्ली में फ़िल्म पद्मावत को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीजेपी और करणी सेना को जमकर कोसा.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि संविधान बनाने वाले वालों ने संविधान ये सोचकर बनाया होगा कि देश शिक्षित हो, देश में धर्म और जाति का भेदभाव नहीं हो. उन्होंने ये नहीं सोचा था कि जाति के नाम पर आज दंगे कराए जाएंगे. आज़ादी पाना बहुत मुश्किल था, लेकिन आजकल की घटनाओं को देखकर लगता है कि आजादी को बनाये रखना ज्यादा मुश्किल हो गया है. असली देशभक्ति है ज्यादा से ज्यादा स्कूल खोलना, अस्पताल बनाना, सड़कें बनाना, लेकिन आजकल सब परेशान हैं.

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वहीं डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज देश मे ऐसा माहौल खड़ा किया जा रहा है कि लोग एक दूसरे से लड़ते रहे और बीजेपी वाले सबको लड़ाते रहे. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने बस वाली घटना देखी तो सोच कि खुद को राजपूतों का रक्षक बताने वाले मासूम बच्चों के बसों पर पत्थर कैसे मार सकते हैं? मेरा राजपूताना दिल भी रो रहा है, एक पिता भी रो रहा है और एक पिता होने के नाते दिल्ली का शिक्षा मंत्री होने के नाते मुझे नींद नहीं आई. मैं भी सोचता रहा कि मैं भी राजपूत परिवार में जन्मा हूं, हमने ऐसे राजपूतों की कहानी कहां पढ़ी है या फिर इस तरह का राजपूतों का इतिहास कब से हुआ. जहां फ़िल्म को रोकने के नाम पर बच्चों के बसों में पत्थर मारे, गाड़ियों में आग लगा दें, पिज़्ज़ा डिलीवरी करने वाले लड़के की मोटरसाइकिल जला दें ।

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मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैंने दिल्ली के राजपूतों से बात की, जिनका विरोध रहा है. मैंने उनसे पूछा कि आपने फ़िल्म देखी है? जिस फ़िल्म को सेंसर बोर्ड ने पास किया है, जिसको सुप्रीम कोर्ट में मंजूरी मिली हो, लेकिन उसके बाद भी विरोध? मैंने फ़िल्म देखी और उनलोगों के साथ मिलकर देखी जो पहले विरोध करते थे कि फ़िल्म देखने के बाद लगा कि आखिर विरोध किस बात को लेकर हो रहा है? जबकि फ़िल्म में ऐसा कुछ भी नहीं बल्कि राजपूतों की बहादुरी बेहतरीन ढंग से बताया गया है. उन्होंने कहा कि वो तमाम राजपूतों से अपील करते है कि वो राजपूत के नाम पर गुंडागर्दी करने वालों का बहिष्कार करें.

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