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अर्धसैनिक बलों के जवानों को गोलियों से ज्यादा बीमारियों से खतरा: BSF डीजी केके शर्मा

इस मौके पर बीएसएफ के डीजी केके शर्मा ने ताजा अध्ययनों का हवाला देते हुए बताया कि बीमारियों की भेंट चढ़ने वाले जवानों की तादाद ऑपरेशन्स में शहीद होने वालों से कहीं ज्यादा है. उन्होंने बीएसएफ के चिकित्सा महानिदेशालय के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि ज्यादातर बीमारियों की वजह गलत लाइफ स्टाइल होता है.

दिल्ली में वर्कशॉप को संबोधित करते बीएसएफ डीजी केके शर्मा दिल्ली में वर्कशॉप को संबोधित करते बीएसएफ डीजी केके शर्मा
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 3:20 AM IST

ड्यूटी पर तैनात अर्धसैनिक बलों को दुश्मन से ज्यादा खतरा मानसिक बीमारियों से होता है. इसी हकीकत के मद्देनजर मंगलवार को दिल्ली में बीएसएफ ने मनोचिकित्सकों के साथ मिलकर वर्कशॉप का आयोजन किया. वर्कशॉप में बीएसएफ के डॉक्टरों ने भी शिरकत की.

बीमारियां जवानों की दुश्मन नंबर-1
इस मौके पर बीएसएफ के डीजी केके शर्मा ने ताजा अध्ययनों का हवाला देते हुए बताया कि बीमारियों की भेंट चढ़ने वाले जवानों की तादाद ऑपरेशन्स में शहीद होने वालों से कहीं ज्यादा है. उन्होंने बीएसएफ के चिकित्सा महानिदेशालय के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि ज्यादातर बीमारियों की वजह गलत लाइफ स्टाइल होता है.

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चौंकाने वाले आंकड़े
हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अर्धसैनिक बलों के जवान हार्ट अटैक और डायबिटीज जैसी बीमारियों का शिकार होते हैं. आंकड़ों के मुताबिक पिछले 3 सालों में 1067 जवान आतंकियों के खिलाफ अलग अलग ऑपरेशन्स में शहीद हुए हैं. वहीं खराब सेहत होने की वजह से मरने वाले सैनिकों की तादाद लगभग 3,611 है.

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