
नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइड लाइन्स के मुताबिक 31 दिसंबर तक ही पुराने नोट बदले जा सकते थे लेकिन लोग अभी भी RBI के बाहर अपने पुराने नोट लेकर उन्हें बदलवाने की उम्मीद में खड़े हैं. आखिरी तारीख के बारे में पता होने के बावजूद अभी तक लोगों ने अपने नोट क्यों नहीं बदलवाए इस सवाल के जवाब में कई तरह के बहाने बना रहे है.
गाज़ियाबाद से एक 500 का पुराना नोट लेकर RBI पहुचे राजेश ने कहा कि मैंने ये नोट अपनी पूजा के किताब में रखा था क्योंकि इस नोट का नंबर 786 था, लेकिन नोट बंदी के बाद अब जब ये नोट किताब से मिला तो हमने सोचा RBI तो अभी तक नोट बदल ही रहा होगा. वहीं फरीदाबाद से अपने 1500 रुपये बदलवाने RBI आये शफकत बोले कि घर की सफाई में ये तीन नोट गद्दे के नीचे से मिले हैं अब इन्हें फ़ेंक तो नहीं सकते इसीलिए यहां चले आये लेकिन ये लोग तो अंदर ही नहीं जाने दे रहे हैं.
8000 रुपये बदलवाने आए अमानत कहते हैं कि मेरे बेटे की तबियत खराब थी इसीलिए नोट बदलवाने का टाइम ही नहीं मिला इसीलिए यहां बदलवाने आये हैं, सुखवीर जी अपने 10000 बदलवाने आये हैं और उनका कहना है कि मैं 80 साल का हूं और कभी-कभी चीजे भूल जाता हूं इसीलिए ये पैसे भी जमा करवाना भी भूल गया था. उत्तम नगर में रहने वाले हरीश की तो बात आप बिलकुल नहीं पचा पाएंगे वो कहते हैं कि मेरे पिताजी के पास 8 लाख रूपए हैं जिनके बारे में उन्होंने हमें नहीं बताया क्योंकि हम बाहर रहते हैं लेकिन अब हम अपना पैन कार्ड और बाकि सभी डॉक्यूमेंट देने को तैयार हैं तो RBI को हमारे नोट बदल देने चाहिए.
गौरतलब है कि पुराने नोट बदलवाने की आखिरी तारीख 30 दिसंबर को खत्म हो चुकी है, हालांकि वित्त मंत्रालय ने एनआरआई लोगों को पुराने नोट जमा करने के लिए 30 जून 2017 तक की छूट दी है.
दिल्ली के शाहदरा से आईं कौसर सुबह 8 बजे ही रिजर्व बैंक के बाहर पहुंच गईं. कौसर के हाथ में आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड के अलावा 500 रुपए के 5 पुराने नोट भी रखे हुए थे. लेकिन 10 बजे के पहले जैसे ही RBI ने पुराने नोट न बदलने की घोषणा की कौसर की आंख से आंसू बहने लगे. कौसर ने बताया कि वो तलाकशुदा हैं और घर में 500 के पुराने नोट रखकर भूल गई थीं.
इसके अलावा पुरानी दिल्ली से आये मौलाना साहब का बहाना तो बेहद दिलचस्प है. मौलाना साहब ने बताया कि जब वो ज़रूरी कागज़ात ढूंढने के लिए अटैची खंगाल रहे थे तो उन्हें 500 के पुराने नोट एक किताब में लिपटे मिले. मौलाना साहब ने ये तक कह दिया कि उन्हें इस बात की जानकारी तक नहीं थी कि 31 दिसंबर के बाद पुराने नोट नहीं बदले जाएंगे.