
500 और हजार के नोट बंद होने से देशभर में अब लोग गुस्से से बेकाबू हो रहे हैं. दिल्ली के सीलमपुर इलाके में बेकाबू भीड़ ने एक मॉल पर धावा बोल दिया और जेरनल स्टोर में मौजूद सामानों को लूट लिया. हालांकि मौके पर पुलिस मौजूद थी लेकिन लोगों की भीड़ इस कदर थी कि पुलिसवाले कुछ नहीं कर पाए, जिसको जो मिला उसे लेकर चलते बने. इससे पहले शुक्रवार को शाहीन बाग इलाके में नमक का स्टॉक होने की अफवाह के बाद लोगों का DTC बसों पर फूट पड़ा, लोगों ने 3 डीटीसी की बसों में जमकर तोड़फोड़ की.
वहीं 500 और हजार के नोट पर पाबंदी लग जाने से आम आदमी के साथ-साथ अब ट्रांसपोर्ट सेक्टर भी परेशान हो रहा है. 500 और 1000 के नोट पर लगाम से ट्रकों की आवाजाही पर सीधा असर पड़ा है. हालांकि सरकार ने 14 नवंबर तक सभी टोल टैक्स फ्री करने देने का ऐलान कर दिया है.
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने सरकार से 500 और 1000 के नोट का ट्रांसपोर्ट सेक्टर में इस्तेमाल के लिए समय-सीमा बढ़ाने की मांग की है. साथ ही ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने टोल नाको पर मुफ्त आवाजाही की अवधि 14 नवंबर से आगे बढ़ाने की अपील की है. AIMTC का कहना है कि पूरे देश में इस फैसले के बाद 93 लाख ट्रक जगह-जगह खड़े हैं, जिससे ट्रांसपोर्टेशन में काफी परेशानी आ रही है.
एआईएमटीसी की मानें तो नोटबंदी से 93 लाख ट्रकों के अलावे 50 लाख बसें और टैक्सियां भी प्रभावित हुई हैं. एआईएमटीसी के प्रवक्ता जगदीश गुप्ता ने कहा कि इस इस सेक्टर से करीब 20 करोड़ लोग किसी ने किसी रूप से जुड़े हैं और जल्द अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो सभी प्रभावित होंगे. उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्ट का करीब 80 फीसदी तक कारोबार नकद लेन-देन के जरिये होता है. ट्रकों के आवाजाही के लिए रोजाना 1194 करोड़ रुपये जरूरत होती है, जो नोटंबदी के बाद से ही ठप पड़ा है.