
राजधानी दिल्ली के अलग अलग इलाकों में बिजली और सीएनजी से संचालित होने वाले श्मशान घाट स्थापित करने के मामले में हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार सहित सभी एमसीडी से जवाब मांगा है. दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी. जिसमें कहा गया था कि विद्युत श्मशान में शवों के दाह संस्कार के लिए एक समान शुल्क तय किए जाने चाहिए और इसको लेकर सभी अधिकारियों को निर्देश भी जारी किए जाने चाहिए.
याचिकाकर्ता सुनील कुमार का कहना था कि सराय काले खान और लोधी रोड पर बिजली से संचालित श्मशान में पांच सौ रुपए रुपये से लेकर 8800 रुपए तक आम लोगों से वसूले जा रहे हैं.
दिल्ली से संचालित होने वाले श्मशान गृह में एक ही रेट फिक्स करने की जरूरत है. इसके अलावा महामारी के इस वक़्त में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक केंद्रीकृत ऑनलाइन सुविधा शुरू की जानी चाहिए जिससे आम नागरिकों को मौत दर्ज करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के पास शारीरिक रूप से जाना न पड़े.
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में ऐसे कई विद्युत शमशान हैं जो फिलहाल अभी भी बंद हैं. ऐसे में उनको चालू किए जाने की ज़रूरत है. याचिकाकर्ता ने इसे सुनिश्चित करने को लेकर केंद्र सरकार एवं दिल्ली सरकार के साथ-साथ सभी निगमों को निर्देश देने की मांग भी की है.
दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने इस मामले में दिल्ली सरकार और सभी एमसीडी को जवाब दाखिल करने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया है और साथ ही इस मामले की सुनवाई 27 जुलाई तक के लिए टाल दी है.