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'21वीं सदी भारत की होगी', अष्टलक्ष्मी महोत्सव में बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 2 साल में भारत मंडपम ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों की मेज़बानी की है, जिसमें सफल जी-20 शिखर सम्मेलन भी शामिल है, लेकिन आज का अवसर विशेष महत्व रखता है. आज पूर्वोत्तर के विविध रंग राष्ट्रीय राजधानी में एक सुंदर इंद्रधनुष बना रहे हैं, आज दिल्ली 'पूर्वोत्तरमय' हो गई है.

अष्टलक्ष्मी महोत्सव को संबोधित करते पीएम मोदी अष्टलक्ष्मी महोत्सव को संबोधित करते पीएम मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:58 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21वीं सदी भारत की है और इस प्रगति में देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. दिल्ली के भारत मंडपम में अष्टलक्ष्मी महोत्सव को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया के वेस्टर्न-सेंट्रिक युग के बाद 21वीं सदी "पूर्व की सदी" बनने की ओर अग्रसर है. उन्होंने कहा कि यह पूर्व, एशिया और भारत की सदी है. पीएम मोदी ने भारत मंडपम में पहले तीन दिवसीय 'अष्टलक्ष्मी महोत्सव' का उद्घाटन किया. 

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 2 साल में भारत मंडपम ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों की मेज़बानी की है, जिसमें सफल जी-20 शिखर सम्मेलन भी शामिल है, लेकिन आज का अवसर विशेष महत्व रखता है. आज पूर्वोत्तर के विविध रंग राष्ट्रीय राजधानी में एक सुंदर इंद्रधनुष बना रहे हैं, आज दिल्ली 'पूर्वोत्तरमय' हो गई है. 

पूर्वोत्तर क्षेत्र की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज मैंने जिन स्टॉल का दौरा किया, वे मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा संचालित थे. चूंकि भारत संस्कृति और व्यापार के माध्यम से वैश्विक संपर्क पर ध्यान केंद्रित करता है, इसलिए नॉर्थईस्ट साउथ एशिया और ईस्ट एशिया की अपार संभावनाओं के लिए हमारा प्रवेश द्वार बन जाता है, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि तीन दिवसीय महोत्सव देश और दुनिया के सामने पूर्वोत्तर राज्यों की ताकत को प्रदर्शित करेगा, जिसमें व्यापार और व्यापार सौदों के अवसर होंगे.

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहली बार 8 पूर्वोत्तर राज्यों के लिए इतने बड़े पैमाने पर निवेश के अवसर खोले जा रहे हैं, यह क्षेत्र के किसानों और कारीगरों के साथ-साथ दुनियाभर के निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है. पूर्वोत्तर की ताकत और विविधता यहां के स्टॉल और मंडपों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है. उन्होंने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि भविष्य पूर्व और पूर्वोत्तर का है, पिछले दशकों में मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे शहरों ने अपना नाम रोशन किया, वहीं आने वाले दशकों में अगरतला, इंफाल, शिलांग, आइजोल और ईटानगर का उदय होगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि अष्टलक्ष्मी महोत्सव जैसे आयोजन इस बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. कार्यक्रम के दौरान, पूर्वोत्तर राज्यों के बच्चों ने 'अष्टलक्ष्मी पौधा' भेंट किया, जो कि पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों से एकत्रित मिट्टी में लगाया गया पीपल का पौधा है. 

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