
दिल्ली माइनोरिटी कमीशन के पूर्व चेयरमैन जफरुल इस्लाम ने दिल्ली पुलिस पर सनसनीखेज आरोप लगाया है. उन्होंने ट्वीट कर दावा किया है कि शुक्रवार (जुमे) को दिल्ली पुलिस ने 16 मस्जिदों में लोगों को नमाज पढ़ने नहीं दी. उन्होंने ट्वीट में एक उर्दू अखबार इंकलाब की कटिंग भी शेयर की है. बता दें कि बीते शुक्रवार को होली और शब-ए बारात के पर्व मनाए गए.
ट्वीट में जफरुल इस्लाम ने कहा कि दिल्ली के पंचशील इलाके की 16 मस्जिदों में पुलिस ने शुक्रवार को जुमे की नमाज नहीं पढ़ने दी. एक बेहद पुरानी मस्जिद के इमाम ने कहा है कि ऐसा 50 सालों में पहली बार हुआ, जब इस तरह नमाज पढ़ने से उन्हें रोक दिया गया.
बता दें कि जफरुल इस्लाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने साल 2021 में धार्मिक भावनाएं भड़काने की शिकायत दर्ज की थी. तब जफरुल इस्लाम से लंबी पूछताछ हुई थी. पुलिस ने उनका लैपटॉप भी सीज कर लिया था.
दिल्ली पुलिस ने दी सफाई
जफरुल इस्लाम के आरोंपों पर दिल्ली पुलिस ने सफाई पेश की है. पुलिस ने कहा है कि जफरुल इस्लाम जिन मस्जिदों की बात कर रहे हैं, वे सभी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की निगरानी वाले स्मारक हैं. इनमें सूरज उगने से पहले और सूरज ढलने के बाद एंट्री नहीं दी जाती है.
कानून व्यवस्था बिगड़ने का डर था- पुलिस
पुलिस ने कहा कि काफी सालों से दिल्ली में देखा गया है कि शब-ए-बारात के मौके पर दिल्ली और खासतौर पर नई दिल्ली में बाइकर्स बड़े पैमाने पर हुड़दंग करते हैं. इसके कारण कई बार कानून व्यवस्था बिगड़ जाती है. शुक्रवार को होली थी और शब-ए बारात भी. इसलिए दिल्ली पुलिस ने कानून व्यवस्था पर ध्यान देते हुए लोगों को देर शाम इन इमारतों में दाखिल नहीं होने दिया.
कोरोना में तो बंद था सब कुछ- पुलिस
दो साल से वैसे ही कोविड की वजह से सब बंद था. इसलिए इस बारी सख्ती के साथ कानून लागू किया गया है. दिल्ली पुलिस के PRO ने कहा कि 3,4 साल पहले शब-ए-बारात के दिन दिल्ली में क्या होता था, कितना हुड़दंग मचाया जाता था. ये सभी को पता है. जिस काम के लिए पुलिस को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, उसके लिए पुलिस पर आरोप लगाए जा रहे हैं.