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देश की राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में आज यानी 29 अक्टूबर को प्रदूषण से कुछ राहत मिली है. हालांकि, पिछले दिनों से तुलना करें तो बीते दिन के मुकाबले दिल्ली के एक्यूआई में मामूली कमी आई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताजा अपडेट के मुताबिक, आज सुबह 7 बजे के करीब दिल्ली का औसत एक्यूआई 274 मापा गया और अधिकतर इलाकों का एक्यूआई भी 300 के पार बना हुआ है. हालांकि, आज कहीं भी 400 के पार आंकड़ा नहीं गया है. बता दें कि हर साल इस मौसम में दिल्ली की हवा दमघोंटू हो जाती है. अभी पिछले हफ्ते भी दिल्ली का एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया था.
दिल्ली का AQI लगातार चिंता का विषय
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार चिंता का विषय बना हुआ है. जैसे-जैसे सर्दियों का मौसम आता है, वैसे-वैसे दिल्ली और इसके आस-पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है, जिससे दिल्लीवासियों के लिए यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन जाता है.
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के कई कारण हैं, जिनमें प्रमुख हैं वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्य, औद्योगिक प्रदूषण और पराली जलाना. दिल्ली सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समय-समय पर वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न उपाय लागू करते रहते हैं. इनमें वाहनों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए ऑड-ईवन स्कीम, निर्माण कार्यों पर रोक और पराली जलाने पर सख्ती जैसी पहल शामिल हैं.
कई जगहों का AQI 300 से नीचे
कुल मिलाकर 24 घंटे का औसत AQI 300 से नीचे दर्ज गया गया है. ताजा आंकड़ों की बात करें तो आज सुबह 7 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स 274 दर्ज किया गया है. कल शाम से हवा की गुणवत्ता "खराब" श्रेणी में है. यह पिछले कुछ दिनों की तुलना में वायु गुणवत्ता में सुधार है. दिल्ली के 37 वायु गुणवत्ता मापने वाले स्टेशनों में से लगभग 10 स्टेशन अभी भी "बहुत खराब" AQI (300+) दिखा रहे हैं, जबकि अन्य सभी स्टेशन वर्तमान में "खराब" (200-300) AQI दिखा रहे हैं. इंडिया गेट, अलीपुर, आनंद विहार, नरेला, बवाना, आया नगर, जहांगीरपुरी, सोनिया विहार, विवेक विहार और वज़ीरपुर का AQI "बहुत खराब" श्रेणी में है.
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AQI का मतलब क्या है?
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) वह मानक है जिससे वायु की गुणवत्ता को मापा जाता है. इसमें प्रदूषकों की मात्रा जैसे पीएम2.5, पीएम10, नाइट्रोज़न ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड को मापा जाता है. दिल्ली में विशेष रूप से पीएम2.5 और पीएम10 का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ता दिखाई देता है. ये छोटे कण सांस के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनते हैं.
कैसी है आपके शहर की एयर क्वॉलिटी, यहां कीजिए चेक
दिल्ली के इलाके | AQI |
अलीपुर | 306 |
आनंद विहार | 317 |
अशोक विहार | 279 |
आया नगर | 312 |
बवाना | 325 |
बुराड़ी | - |
चांदनी चौक | 191 |
DTU | 236 |
डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज | 286 |
द्वारका सेक्टर-8 | 268 |
आईजीआई एयरपोर्ट | 244 |
दिलशाद गार्डन | 217 |
आईटीओ | 261 |
जहांगीरपुरी | 308 |
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम | 223 |
मेजर ध्यान चंद स्टेडियम | 303 |
मंदिर मार्ग | 285 |
मुंडका | 334 |
द्वारका एनएसआईटी | 215 |
नजफगढ़ | 280 |
नरेला | 314 |
नेहरू नगर | 285 |
नॉर्थ कैंपस | 254 |
ओखला फेस-2 | 268 |
पटपड़गंज | 297 |
पंजाबी बाग | 286 |
पूसा DPCC | 241 |
पूसा IMD | 232 |
आरके पुरम | - |
रोहिणी | 289 |
शादीपुर | 260 |
सिरीफोर्ट | 274 |
सोनिया विहार | 311 |
अरबिंदो मार्ग | 249 |
विवेक विहार | 311 |
वजीरपुर | 309 |
कैसे मापी जाती है एयर क्वालिटी?
अगर किसी क्षेत्र का AQI जीरो से 50 के बीच है तो AQI ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 से 100 AQI होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’माना जाता है, अगर किसी जगह का AQI 201 से 300 के बीच हो तो उस क्षेत्र का AQI ‘खराब’ माना जाता है. अगर AQI 301 से 400 के बीच हो तो ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI होने पर ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. वायु प्रदूषण से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इसी के आधार पर दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप श्रेणी की पाबंदियां लगाई जाती हैं. आपको बता दें ग्रैप-2 लागू होने के बाद 5 प्रमुख पाबंदियां भी लग गई हैं.
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क्या होता है ग्रैप?
ग्रैप का मतलब GRAP से है. GRAP का फुल फॉर्म ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान है. ये सरकार की एक योजना है, जिसे दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ बनाया गया है. इस प्लान के जरिए प्रदूषण को कंट्रोल किया जाता है. दरअसल, इसके कई चरण हैं और ये चरण भी बढ़ते प्रदूषण के साथ बढ़ते जाते हैं. जैसे जैसे चरण बढ़ते हैं, वैसे वैसे दिल्ली में पाबंदियां भी बढ़ती जाती हैं.
GRAP के 4 चरण होते हैं
दिल्ली-NCR में ग्रैप-2 के तहत ये पाबंदियां लागू