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AAP का पोस्टर अटैक, BJP के 7 सीएम उम्मीदवारों को दी नए साल की बधाई

कड़ाके की सर्दी के बीच राजधानी दिल्ली में सियासी पारा भी बढ़ता जा रहा है. इस बार बीजेपी का मुख्यमंत्री का चेहरा होगा कौन होगा ? इस पर आम आदमी पार्टी ने पोस्टर के जरिए बीजेपी पर निशाना साधा है.

आईटीओ पर लगाया गया है पोस्टर आईटीओ पर लगाया गया है पोस्टर
सुशांत मेहरा
  • नई दिल्ली,
  • 02 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:04 PM IST

  • चुनाव से पहले AAP-BJP में छिड़ा पोस्टर वॉर
  • BJP को CM उम्मीदवार पर घेरती रही है AAP
दिल्ली विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच पोस्टर वॉर छिड़ गया है. AAP की ओर से आईटीओ पर पोस्टर लगाया है, जिसमें दिल्ली के 7 बीजेपी नेताओं को सीएम उम्मीदवार बताते हुए नए साल की बधाई दी गई है. इस पोस्टर में दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी, सांसद गौतम गंभीर, केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन, सांसद प्रवेश वर्मा, और विधायक विजेंद्र गुप्ता का जिक्र है.

2015 में भी थी यही स्ट्रेटजी

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कड़ाके की सर्दी के बीच राजधानी दिल्ली में सियासी पारा भी बढ़ता जा रहा है. इस बार बीजेपी का मुख्यमंत्री का चेहरा होगा कौन होगा ? इस पर आम आदमी पार्टी ने पोस्टर के जरिए बीजेपी पर निशाना साधा है. दरअसल, 2015 के चुनावों के दौरान भी आम आदमी पार्टी ने इसी स्ट्रेटजी के तहत बीजेपी को मात दी थी. उस वक्त बीजेपी को किरण बेदी का नाम बतौर मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप ने लाना पड़ा था और बीजेपी महज 3 सीटों तक सिमट कर रह गई थी.

लगातार AAP घेरती रही है

वही स्ट्रेटजी इस बार आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनावों में से पहले अपनाती हुई नजर आ रही है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का चेहरा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल होंगे. ऐसे में अरविंद केजरीवाल के सामने बीजेपी का चेहरा कौन होगा. इसके जरिए आम आदमी पार्टी की तरफ से लगतार बीजेपी को घेरा जा रहा है.  

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यह पहली बार नहीं है जब आम आदमी पार्टी ने इस तरीके से बीजेपी पर हमला किया हो. इससे पहले भी आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी कई बार बीजेपी पर दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर चेहरा सामने लाने पर तंज कसते रहे हैं.

उम्मीदवार घोषित करना पड़ा भारी

हालांकि बीजेपी का इस पूरे मामले पर यही कहना है कि मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार पार्लियामेंट्री बोर्ड करता है और वो सर्वमान्य होता है, लेकिन इतिहास गवाह है जब-जब दिल्ली में बीजेपी ने मुख्यमंत्री उम्मीदवार के नाम की घोषणा की है तो बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है, चाहे वह किरण बेदी हों, चाहे डॉक्टर हर्षवर्धन या विजय कुमार मल्होत्रा.

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