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दिल्ली में नहीं घट रही रेप और अपहरण की घटनाएं, महिलाएं सबसे ज्यादा शिकारः सर्वे

दिल्ली में 28,624 परिवारों को इस सर्वे में शामिल किया गया था. सर्वे में शामिल होने और जवाब देने वालों में 40 फीसदी लोग राष्ट्रीय राजधानी को रहने के लिहाज से असुरक्षित महसूस करते हैं. सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक 50 फीसदी लोगों को लगता है कि दिल्ली शहर महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुरक्षित नहीं है.

सांकेतिक तस्वीर (फाइल-REUTERS) सांकेतिक तस्वीर (फाइल-REUTERS)
राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 10:25 AM IST

लगातार सुधार के प्रयासों और दावों के बाद भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली अभी भी लड़कियों और महिलाओं के लिए असुरक्षित जगह बनी हुई है. प्रजा फाउंडेशन के घरेलू सर्वेक्षण और हंसा रिसर्च की ओर से तैयार रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली में रेप की घटनाएं कम होने की जगह बढ़ी है. दिल्ली में 2017-18 में रेप के दर्ज मामलों की संख्या (2,207 मामले) में पिछले साल 2016-17 के मुकाबले 3% की वृद्धि दर्ज की गई है. वहीं 40 फीसदी लोग दिल्ली को असुरक्षित मानते हैं.

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प्रजा फाउंडेशन में निदेशक मिलिंद महसके ने रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि 2017-18 में दिल्ली में अपहरण के मामलों की कुल संख्या में 63% पीड़ित महिलाएं थीं. 2017-18 में रेप की कुल मामलों में से 52% रेप के मामले यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत दर्ज किए गए. दिल्ली में 28,624 परिवारों को इस सर्वे में शामिल किया गया था. सर्वे में शामिल होने और जवाब देने वालों में 40 फीसदी लोग राष्ट्रीय राजधानी को रहने के लिहाज से असुरक्षित महसूस करते हैं. सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक 50 फीसदी लोगों को लगता है कि दिल्ली शहर महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुरक्षित नहीं है.

दिल्ली महिलाओं के लिए लगातार असुरक्षित होती जा रही है. पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले साल रोजाना रेप के मामले में औसतन पांच से अधिक मामले दर्ज किए गए थे. वित्त वर्ष 2014-15 से 2017-18 के पिछले 4 वर्षों में गुजरे साल में चोरी के सबसे अधिक मामले 75,718 आए जिसमें पिछले वर्ष यानी 2016-17 की तुलना में 82% की वृद्धि दर्ज की गई. उत्तर पश्चिम जिले में 2017-18 में चोरी (8641) की सबसे अधिक सूचना दर्ज की गई.

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प्रजा की घरेलू डाटा सर्वेक्षण ने पुलिस अधिकारियों की प्रतिक्रिया के प्रति उत्तरदाताओं के असंतोष को भी उजागर किया. 68% लोग पुलिस अधिकारियों की प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं है जबकि 67 फीसदी जो अपराध का सामना करते हैं वो भी पुलिस की प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं है.

दिल्ली पुलिस के डीसीपी मधुर वर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पुलिस और पब्लिक के बीच गैप को कम करने के लिए कम्युनिटी पोलिसिंग पर काफी जोर दिया जाता है, वही गंभीर अपराधों को लेकर दिल्ली पुलिस काफी संजीदा है. सर्वेक्षण में ये भी सामने आया कि आउटर दिल्ली में सबसे ज्यादा अपराध होता है. प्रजा फाउंडेशन ने बताया कि सभी आंकड़े उनके सर्वे और दिल्ली पुलिस से सूचना अधिकार के तहत मिले आंकड़ों पर आधारित है.

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