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विधायकों को टिकट देने से पहले केजरीवाल ने जांच पड़ताल नहीं की: भूषण

प्रशांत भूषण के मुताबिक उन्होंने और योगेंद्र यादव ने 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले तैयार की गई प्रस्तावित उम्मीदवारों की सूची में 12 उम्मीदवारों की जांच पड़ताल की मांग की थी. लेकिन प्रशांत भूषण का दावा है कि केजरीवाल ने तमाम शिकायतों को नजरअंदाज किया था.

प्रशांत भूषण प्रशांत भूषण
लव रघुवंशी/पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 4:42 AM IST

आम आदमी पार्टी भले अपने विधायकों की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी पर साजिश का आरोप लगाती हो, लेकिन एक समय पार्टी का अहम हिस्सा रहे प्रशांत भूषण ने अरविंद केजरीवाल पर बड़े सवाल खड़े किए हैं. 'आज तक' से खास बातचीत करते हुए प्रशांत भूषण ने आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक करतार सिंह की एक शिकायत सामने रखी है.

प्रशांत भूषण के मुताबिक उन्होंने और योगेंद्र यादव ने 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले तैयार की गई प्रस्तावित उम्मीदवारों की सूची में 12 उम्मीदवारों की जांच पड़ताल की मांग की थी. लेकिन प्रशांत भूषण का दावा है कि केजरीवाल ने तमाम शिकायतों को नजरअंदाज किया था.

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प्रशांत भूषण ने कहा कि 2015 चुनाव हुआ तो अरविंद ने प्रस्तावित उम्मीदवारों के नाम वेबसाइट पर नहीं डाले. पता ये भी चला कि करतार सिंह, शरद चौहान और प्रमिला टोकस के खिलाफ गंभीर आरोप हैं. करतार के बारे में हमने कहा कि ये बीजेपी छोड़कर आया है. इसका AAP की विचारधारा से लेना देना नहीं है. ये जलबोर्ड के जूनियर इंजीनियर थे, और इतनी संपत्ति आ गई. इनके पास फॉर्म हाउस, फ्लैट हैं. हमने कहा कि जांच के बिना टिकट नहीं देना चाहिए.

टिकट देने से पहले जांच नहीं की
प्रशांत भूषण के मुताबिक दिल्ली विधानसभा में चुनाव से पहले प्रस्तावित उम्मीदवारों की जांच करने के लिए एक फाइल लोकपाल को भेजी गई थी, लेकिन सही जांच नहीं हुई. प्रशांत भूषण ने कहा कि लोकपाल के पास 5 दिन थे 12 उम्मीदवारों के बारे में जांच के लिए क्योंकि चुनाव सिर पर था. कइयों का ठोस सबूत नहीं मिला तो उसे चेतावनी देने को कहा. फिलहाल हम सीधे अरविंद की गलती मानते हैं. बिना पारदर्शिता के टिकट नहीं देना चाहिए था.

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AAP के आने से ज्यादा खुलीं शराब की दुकानें
भूषण ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने शराब की दुकान देने का अधिकार विधायकों को दे दिया है. प्रशांत भूषण ने 'आज तक' से कहा कि आम आदमी पार्टी ने कहा था कि मोहल्ला सभा के बिना हम शराब की दुकान नहीं खुलने देंगे, लेकिन अब उसके खिलाफ विधायक को ताकत दे दी गई है. RTI में 58 नए शराब के ठेके खुलने की जानकारी मिली और इस वजह से सरकार का एक्साइज भी बढ़ गया. आगे प्रशांत भूषण ने आगे कहा कि पंजाब को नशा मुक्त का दावा करने वाले दिल्ली में नशा बढ़ा रहे हैं.

दिल्ली विधानसभा को मिले ज्यादा ताकत
हालांकि प्रशांत भूषण ने दिल्ली विधानसभा को ज्यादा ताकत देने का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि सबको पता था, जैसा संविधान है, उसमें हर काम एलजी के अप्रूवल करने से होगा. कोई भी आयोग, ट्रांसफर भी एलजी के अप्रूवल से होगा. लेकिन केजरीवाल सरकार ने इस बात को नजरअंदाज किया. मेरा मानना है कि दिल्ली विधानसभा को ज्यादा ताकत देने की जरूरत है. केंद्र सरकार से अधिकारों की लड़ाई के मामले में केजरीवाल सरकार के सुप्रीम कोर्ट का रुख करने वाले सवाल पर प्रशांत भूषण ने कहा कि कानून के हिसाब से मुझे नहीं लगता कि आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट में सफल होगी. दिल्ली सरकार को ज्यादा अधिकार देने और संविधान बदलने की जरूरत है लेकिन जो अधिकार हैं उसमें तो काम करें.

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