
राजस्थान पुलिस के आईजी विकास कुमार को चुनाव प्रबंधन के लिए विशेष अवार्ड दिया गया. राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर दिल्ली के मानेकशा ऑडिटोरियम में राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने विकास कुमार को अवार्ड दिया. दरअसल, साल 2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान धनबल के दुरुपयोग से मतदान की प्रक्रिया को बाधित या प्रभावित करने के मंसूबों को हर हाल में ध्वस्त करना राजस्थान पुलिस का मकसद था. इसके लिए व्यय अनुवीक्षण सेल ने एक महत्वपूर्ण योजना पर काम किया.
एक स्पेशल सेल स्टॉर्म क्लब का गठन किया गया और उसे अलग-अलग तकनीकी और प्रबंधकीय क्षमता से लैस किया गया. सर्वप्रथम वेट स्टैटिस्टिकल मॉडल का प्रयोग करके जिलों एवं विभन्न मार्गों की संवेदनशीलता का आंकलन किया गया. जब्ती एवं धर-पकड़ को दिशा एवं गति देने के लिए मिशन मोड में कई अभियान चलाए गए. जैसे बड़ी कार्रवाई के लिए ऑपरेशन जैकपॉट, अवैध शराब की धरपकड़ के लिए ऑपरेशन मदिराधर, नाकों को सुदृढ़ करने के लिए ऑपरेशन मोनाको, नाकों पर प्रभावी कार्रवाई के लिए ऑपरेशन नक्काशी, कम्लासेंसी को काउंटर करने के लिए ऑपरेशन टी टू टीटी और आखिरी दिनों में प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए ऑपरेशन वेक्टर शॉट और ऑपरेशन ब्लड मून चलाए गए.
विभिन्न जिलों की कार्रवाईयों को गति प्रदान करने के लिए और उन्हें प्रेरित करने के लिए कई सारे मोटिवेशनल टूल्स का प्रयोग किया गया. जैसे
दैनिक स्तर पर अच्छी कार्रवाई करने पर स्टार परफॉरमर, दैनिक स्तर पर कार्रवाइयों में कमजोरी आने पर कॉशन मेंशन, नए नवाचारों को लागू करने पर गाइडिंग बिकन्स, लगातार प्रदर्शन में कमजोरी आने पर माइंड योर स्टेप तथा लगातार अच्छी कार्रवाई होने पर परसिसटेंट, कॉन्सिसटेंट जैसे टूल्स का प्रयोग किया गया.
विभिन्न अभियानों के लिए एचीवर बोर्ड्स बनाए गए. अनालिसिस टूल के रुप में बोर्ड लीडर्स, डिसपेसी फिगर्स, कलरनटूर्स, स्नेक लैडर चार्ट्स इत्यादि तकनीकी टूल्स की सहायता ली गई. नतीजा ये हुआ कि पिछली विधानसभा चुनावों की कुल 65 करोड़ की जब्ती की तुलना में इस बार रिकॉर्ड तोड़ करीब साढ़े चार सौ करोड़ मूल्य के अवैध वस्तुओं की जब्ती हुई जो पिछली बार की तुलना में करीब सात गुना ज्यादा है. अवैध कारोबार तथा अवैध वस्तुओं के माध्य्म से चुनाव की प्रक्रिया को बाधित कर सकने की असामाजिक तत्वों की कोशिशों को पूरी तरह नाकाम किया गया और उनके मनोबल को ध्वस्त किया गया. जिसका परिणाम ये रहा कि राजस्थान में ऐतिहासिक तरीके से स्वतंत्र, भयमुक्त और निष्पक्ष चुनाव करा सकने में आशातीत सफलता प्राप्त हुई.