
कोरोना से संक्रमित लोग बड़ी संख्या में होम आइसोलेशन में भी रह रहे हैं. ऐसे में घर पर रहने के दौरान करोना से निपटने के लिए उन लोगों को क्या करना चाहिए, इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार समेत आईसीएमआर को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का सहारा लेने को कहा है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को कोरोना के उपचार के लिए घर में क्या प्रयास करना चाहिए और किस तरह से वह जल्दी से जल्दी ठीक हो सकते हैं, इसको लेकर दूरदर्शन जैसे चैनलों का उपयोग किया जाना चाहिए.
कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा है कि इसकी जानकारी वह अखबारों में विज्ञापन के माध्यम से भी दे सकते हैं. इसमें डॉक्टर्स किन लक्षणों में क्या करने की सलाह दे रहे हैं इसको लेकर विशेषज्ञों की राय को अखबारों में दिल्ली सरकार की तरफ से दिया जा सकता है.
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आईसीएमआर ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया कि उन्होंने अपनी वेबसाइट में तमाम जानकारियों को शामिल किया है जो घर पर होम आईसोलेशन के दौरान कोरोना से संक्रमित लोग कर सकती हैं. आईसीएमआर ने बताया कि उन्होंने डॉक्टर रणदीप गुलेरिया के बहुत सारे वीडियो भी अपलोड किए हैं जिसमें वह जानकारी रहे दे रहे हैं कि हम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को कोरोना होने के दौरान क्या-क्या करना चाहिए.
हालांकि कोर्ट ने कहा कि जो कुछ भी आईसीएमआर ने अपनी वेबसाइट पर डाला है वह ज्यादातर आम लोगों की पहुंच से बाहर है. ऐसे में आम लोगों को उन्हीं की भाषा में समझाने के लिए अंग्रेजी के बजाय लोकल भाषा में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में वह जानकारी दी जानी चाहिए जो आईसीएमआर अपनी वेबसाइट पर दे रहा है.
कोरोना के हाल के लक्षणों वाले लाखों लोग फिलहाल होम आईसोलेशन में हैं. ऐसे में कोर्ट चाहता है कि इन सभी लोगों को सोशल मीडिया या इधर उधर से कोरोना के इलाज से संबंधित कोई गलत जानकारी ना मिले इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार विश्वसनीय जानकारियां प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जारी कराएं जिससे लोग भ्रम की स्थिति में ना रहें.