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दिल्ली के एक प्राइवेट हॉस्पिटल ने दवा प्रतिरोधी Tuberculosis (DR-TB) का इलाज निशुल्क उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार के साथ साझेदारी की है. अधिकारियों के मुताबिक, नई दवा अब केवल सरकार द्वारा निर्धारित केंद्रों और बीलएके-मैक्स अस्पताल में मिलेगी. उन्होंने बताया कि दिल्ली राज्य टीबी नियंत्रण कार्यालय ने हाल में बीएलके-मैक्स अस्पताल से डीआर टीबी के खिलाफ इस राष्ट्रीय लड़ाई में सहयोग के लिए प्रस्ताव दिया था, ताकि निजी क्षेत्र में भी टीबी की दवाइयां दी जा सकें.
दुनिया के 25 फीसदी टीबी के मामले भारत में
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, विकासशील देशों में टीबी जन स्वास्थ्य के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है और दुनिया के 25 फीसदी टीबी के मामले भारत में हैं. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, टीबी के जो मरीजों डीआर-टीबी की चपेट में आ जाते हैं उनकी स्थिति काफी खराब हो जाती है और ऐसे मरीज परिवार और समाज में टीबी फैला सकते हैं.
TB के इलाज के लिए अब 6 महीने की दवाई
बीएलके मैक्स ‘सेंटर ऑफ चेस्ट एंड रेस्पिरेटरी डिसीज़’ के वरिष्ठ निदेशक डॉ संदीप नायर के मुताबिक, बीमारी के बारे में सभी तरह के लोगों के बीच जागरुकता की भी जरूरत है. इस बीमारी का सही तरीके से पता लगाना और फिर मुंह से ली जाने वाली दवाई के जरिए बेहतर इलाज बेहद जरूरी है.
उन्होंने कहा कि इस बीमारी का इलाज आसान नहीं है लेकिन इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली नए किस्म की दवाइयों ने इसे आसान बना दिया है. डॉ संदीप नायर ने बताया कि डीआर-टीबी के इलाज के लिए पहले 12-15 महीने तक दवाई चलती थी, जिसकी वधि घटकर सिर्फ छह महीने हो गई है.
2021 में भारत कम से कम 21 लाख टीबी रोगियों की पहचान
नायर ने कहा, 2021 में भारत कम से कम 21 लाख टीबी रोगियों की पहचान की गई. जिनमें से लगभग 50,000 मल्टी ड्रग प्रतिरोधी या रिफैम्पिसिन प्रतिरोधी (एमडीआर/आरआर) रोगी पाए गए. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में बड़ी संख्या में शहरी मलिन बस्तियां हैं, प्रवासी आबादी है और इसलिए उच्च टीबी ट्रांसमिशन रेट है.