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दिल्लीः LG को हटाने और CBI जांच की मांग को लेकर विधानसभा में AAP विधायकों का धरना

केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के बीच तलवारें खींची हैं. बीजेपी जहां कथित शराब घोटाले को लेकर दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी पर आक्रामक है तो वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने भी उपराज्यपाल वीके सक्सेना की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल के खिलाफ खोला मोर्चा आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल के खिलाफ खोला मोर्चा
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:14 PM IST

दिल्ली में नई आबकारी नीति को लेकर शुरू हुई लड़ाई अब उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना को हटाने की मांग पर आ गई है. केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने एलजी वीके सक्सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आम आदमी पार्टी के विधायक उपराज्यपाल को हटाने की मांग को लेकर लगातार दूसरे दिन विधानसभा में धरने पर बैठ गए हैं.

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आम आदमी पार्टी के विधायक शाम से ही दिल्ली विधानसभा पहुंचने लगे थे. आम आदमी पार्टी के विधायक वीके सक्सेना को दिल्ली के उपराज्यपाल पद से हटाने और उनके खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान प्रतिबंधित नोट बदलने के मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई से कराने की मांग कर रहे हैं.

आम आदमी पार्टी के विधायक ये मांग कर रहे हैं कि वीके सक्सेना के केवीआईसी का अध्यक्ष रहते 1400 करोड़ रुपये के नोट बदले जाने के मामले की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए. आम आदमी पार्टी की ओर से वीके सक्सेना की दिल्ली के एलजी पद पर नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार को भी घेरा है. आम आदमी पार्टी का आरोप है कि वीके सक्सेना पर भ्रष्टाचार के आरोप की जानकारी प्रधानमंत्री को थी और इसके बावजूद उन्हें एलजी नियुक्त किया गया.

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आम आदमी पार्टी का दावा है कि केवीआईसी में काम करने वाले कैशियर ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर ये जानकारी दी थी कि वीके सक्सेना ने करोड़ों रुपये के पुराने नोट बदलने के लिए दबाव बनाया था. इससे पहले सोमवार की शाम भी आम आदमी पार्टी के विधायकों ने राज्यपाल को हटाने और करोड़ों रुपये के नोट बदले जाने से जुड़े केस में सीबीआई जांच की मांग करते हुए धरना दिया था.

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ये दावा किया था कि वीके सक्सेना के खादी ग्रामोद्योग आयोग का चेयरमैन रहते जो नोट बदले गए, वह मनी लॉन्ड्रिंग का केस था. उन्होंने ये सवाल भी पूछा था कि उपराज्यपाल महोदय के यहां रेड कब होगी, इसकी जांच कब होगी. दिल्ली के डिप्टी सीएम ने शराब मामले को लेकर आक्रामक भारतीय जनता पार्टी से तीन सवाल भी पूछे थे.

मनीष सिसोदिया ने ये सवाल किए थे कि जीएसटी बढ़ाकर प्रधानमंत्री के दोस्तों के कर्ज क्यों माफ हो रहे हैं, पेट्रोल और डीजल पर टैक्स बढ़ाकर विधायकों की खरीद क्यों चल रही है और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के खिलाफ सीबीआई जांच क्यों नहीं हो रही है. बता दें कि इन दिनों आम आदमी पार्टी और विपक्षी बीजेपी में नई आबकारी नीति को लेकर तलवारें खींची हैं.

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नई आबकारी नीति को लेकर वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. उपराज्यपाल की सिफारिश के बाद सीबीआई ने इस मामले में जांच शुरू कर दी थी. सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआई ने रेड की थी. नई आबकारी नीति को लेकर सीबीआई एक्शन मूड में है तो वहीं बीजेपी आक्रामक. आम आदमी पार्टी ने भी वीके सक्सेना और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

 

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