
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों में विद्यार्थियों, खासकर छात्राओं की निजता का हवाला देकर स्कूलों में सीसीटीवी कैमरा लगाने की योजना को चुनौती दी गई है.
आईएएनएस एजेंसी के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि क्यों न सरकारी विद्यालयों की कक्षाओं और प्रयोगशालाओं में 1.46 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना पर तत्काल रोक लगा दी जाए. अदालत इस मामले में दिल्ली के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के एक 20 साल के छात्र अंबर टिको की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
निजता पर पड़ेगा विपरीत प्रभाव
टिको की ओर से पेश वकील जय देहाद्री और सृष्टि कुमार ने अदालत को बताया कि स्कूलों में सीसीटीवी कैमरों को लगाने से विद्यार्थियों खासकर छात्राओं और महिला शिक्षकों की निजता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
इस वजह से लिया गया था निर्णय
बता दें कि सीसीटीवी लगाने का निर्णय 11 सितंबर, 2017 को एक आपात बैठक में शिक्षा मंत्री द्वारा दिल्ली के स्कूलों में बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार की बढ़ती घटनाओं की वजह से लिया गया था.