
आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को बड़ा हमला बोला. 'आप' के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि विपक्षी दलों के जितने भी नेताओं पर सीबीआई-ईडी के केस चल रहे हैं, अगर वो अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो उनके सारे मामले बंद हो जाएंगे. उन्होंने तथाकथित भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हिमंत बिस्वा सरमा, सुभेंदु अधिकारी, नारायण राणे और मुकुल राय का नाम लेते हुए कहा कि इन नेताओं की तरह अगर मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, तेजस्वी यादव, संजय राउत, फरूख अब्दुल्ला, के. कविता भी अपनी पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो जाएं तो इनके सारे केस बंद हो जाएंगे. राघव चड्ढा ने कहा कि भाजपा ऐसी वॉशिंग मशीन है, जिसमें एक तरफ से भ्रष्टाचारी डालो तो दूसरी तरफ से क्लीन चिट होकर निकलते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग की वजह यह है कि भाजपा का एकमात्र मकसद भारत को विपक्ष मुक्त बनाना है, ताकि देश में सिर्फ एक ही पार्टी-एक ही नेता हो और विपक्षी दल या उसके नेता अपना सिर उठाने की हिम्मत न करें.
भाजपा में शामिल होने पर ईडी-सीबीआई के सारे केस बंद
'आप' के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि अगर मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन भाजपा में शामिल हो जाते हैं, तो उन पर ईडी-सीबीआई के सारे मुकदमें बंद हो जाएंगे. इसी तरह, अगर तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, शिवसेना के संजय राउत, नेशनल कांग्रेस के फारूख अब्दुल्ला, कर्नाटक के कांग्रेस नेता डी.के. शिवकुमार, टीआरएस की के. कविता, आरजेडी के तेजस्वी यादव भाजपा में शामिल हो जाते हैं, तो उन पर ईडी-सीबीआई के सारे मुकदमें बंद हो जाएंगे.
उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं की एक लंबी लिस्ट है, जिन पर राजनीतिक साजिश के तहत ईडी-सीबीआई के मुकदमे दर्ज किए गए हैं. विपक्ष के जिन नेताओं पर ईडी-सीबीआई के मुकदमे दर्ज हैं और अगर वे सारे नेता अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाएं, तो इन पर ईडी-सीबीआई के चल रहे सारे मामले बंद हो जाएंगे. आज यही देश की सच्चाई है.
विपक्षी दलों के नेताओं का नाम गिनाया
राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि ऐसे नेताओं की भी काफी लंबी सूची है, जो कभी विपक्षी दलों का हिस्सा थे. उन पर तथाकथित भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे और सीबीआई-ईडी ने उन पर मुकदमें दर्ज किए. जैसे ही वे लोग अपनी पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए, उन पर चल रहे ईडी-सीबीआई के सभी मुकदमे बंद हो गए. उन्होंने कई नेताओं के नाम गिनाए.
राघव चड्ढा ने कहा कि हिमंत बिस्वा सरमा बड़े राजनैतिक रणनीतिकार माने जाते हैं. उन पर तथाकथित भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे और एजेंसियों ने जांच शुरू की, तो ये कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. इसके बाद इनके खिलाफ सारी जांच बंद हो गई.
सुभेंदु अधिकारी, पश्चिम बंगाल में हुए तथाकथित चिटफंड घोटाले के मुख्य अभियुक्त कहे जाते थे. उन्होंने टीएमसी का दामन छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया. इसके बाद उनके खिलाफ सारी जांच बंद हो गई और भाजपा ने बतौर गिफ्ट उनको जेड प्लस सुरक्षा अलग से दे दिया.
नारायण राणे महाराष्ट्र के दिग्गज नेता हुआ करते थे. वे मंत्री भी रहे हैं. उन पर तथाकथित भ्रष्टाचार के कई मुकदमें दर्ज हुए और सीबीआई-ईडी ने जांच शुरू की. वे अपनी पार्टी को छोड़ भाजपा में शामिल हो गए और सारे मुकदमें बंद हो गए.
मुकुल राय, ममता बनर्जी की पार्टी के बड़े नेता थे. वे भी तथाकथित भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर टीएमसी छोड़ भाजपा में शामिल हो गए और सभी मुकदमें बंद हो गए.
मनीष सिसोदिया के खिलाफ कुछ नहीं मिला
राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि एक तरफ मनीष सिसोदिया हैं, जिन पर अगस्त 2022 में सीबीआई और ईडी ने मुकदमें दर्ज किए. अगस्त 2022 से मार्च 2023 तक भाजपा की इन एजेंसियों ने मनीष सिसोदिया के घर, पैतृक गांव, दफ्तर, बैंक अकाउंट, लॉकर की जांच की, लेकिन इनको एक पैसा भी नहीं मिला. इसके बावजूद राजनैतिक कारणों के चलते ईडी-सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को पकड़कर जेल में बंद कर दिया.
राघव चड्ढा ने कहा कि कुछ दिन पहले ही कर्नाटक में भाजपा विधायक के घर से रेड में 8 करोड़ रुपए नकद मिला. लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई. उनको जांच में भी नहीं बुलाया गया. भाजपा की इन एजेंसियों ने कोर्ट से उसको अग्रिम जमानत दिवला दी. यह एक ऐसा उदाहरण है कि रंगेहाथ 8 करोड़ रुपए कैश पकड़े जाने के बाद भी उस व्यक्ति को जेल में नहीं बंद किया जाता है, बल्कि ईडी-सीबीआई उसे कोर्ट से बेल दिलवाती है और जुलूस निकाल कर उसका अभिनंदन किया जाता है.
भाजपा विधायक के पास 8 करोड़ मिले
राघव चड्ढा ने कहा कि मनीष सिसोदिया के यहां एक फूटी कौड़ी नहीं मिली और भाजपा विधायक के पास 8 करोड़ मिले, लेकिन आज मनीष सिसोदिया जेल में हैं और भाजपा विधायक जेल में नहीं है. मनीष सिसोदिया का एक ही अपराध है कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का दामन थामकर लाखों बच्चों की जिंदगी बदलने का काम किया और भाजपा ने जब-जब अपनी पार्टी में शामिल होने के लिए कहा, तब-तब मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं जहर खाना पसंद करूंगा, लेकिन भाजपा में शामिल होना पसंद नहीं करूंगा.
राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने सीबीआई की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सीबीआई ने पिछले 8 सालों में (2014 से 2022 तक) जितने मुकदमें दर्ज किए, उनमें से 95 फीसद मुकदमें विपक्षी दल के नेताओं पर दर्ज किए.
2014 से 2022 के बीच इन पार्टियों के नेताओं पर सीबीआई ने दर्ज किए मुकदमें: राघव चड्ढा
तृणमूल कांग्रेस- तृणमूल कांग्रेस के 30 नेताओं पर सीबीआई ने मुकदमें दर्ज किए हैं.
कांग्रेस- कांग्रेस के 26 नेताओं पर सीबीआई के मुकदमें हैं.
आरजेडी- बिहार की पार्टी आरजेडी के खिलाफ 10 मुकदमें हैं.
बिजू जनता दल- उड़ीसा के नवीन पटनायक की पार्टी बिजू जनता दल के 10 नेताओं पर मुकदमें दर्ज हैं.
वाईएसआर सीपी- आंध्र प्रदेश की पार्टी वाईएसआर सीपी के खिलाफ 5 मुकदमें हैं.
बहुजन समाज पार्टी- बसपा के 5 नेताओं पर सीबीआई के मुकदमें हैं.
टीडीपी- चंद्र बाबू नायडू की पार्टी टीडीपी के खिलाफ 5 मुकदमें दर्ज किए हैं.
आम आदमी पार्टी- आम आदमी पार्टी के 4 नेताओं के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमें दर्ज किए हैं.
समाजवादी पार्टी- समाजवादी पार्टी के 4 नेताओं के खिलाफ मुकदमें दर्ज हैं.
एआईएडीएमके- एआईएडीएमके के 4 नेताओं के खिलाफ मुकदमें हैं.
सीपीएम- सीपीएम के 4 नेताओं के खिलाफ मुकदमें हैं.
एनसीपी- एनसीपी के 3 नेताओं के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमें दर्ज किए हैं.
एनसी- नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के 2 नेताओं पर मुकदमें हैं.
डीएमके- डीएमके के 2 नेताओं के खिलाफ मुकदमें हैं.
पीडीपी- पीडीपी के 1 नेता के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया है.
टीआरएस- टीआरएस के 2 नेताओं पर मुकदमा दर्ज है.
उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिन नेताओं पर सीबीआई के मुकदमें दर्ज हैं, उनको बुलाकर कहा जाता है कि भाजपा में शामिल हो जाओ. अगर भाजपा में शामिल हुए तो आप पर कोई मुकदमा नहीं होगा और बाइज्जत बरी कर दिया जाएगा. अगर भाजपा में शामिल नहीं हुए तो जेल में डाल देंगे.
सिसोदिया को जमानत न मिले, इसलिए सीबीआई ने अपने वकील कोर्ट में पेश नहीं किया
राघव चड्ढा ने कहा कि सीबीआई कोर्ट में मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने वाली थी. इस तथाकथित मुकदमें के सभी लोगों को जमानत मिल गई है. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित करने और जमानत देने का विचार बना लिया था. लेकिन मनीष सिसोदिया को जमानत न मिले, इसके लिए सीबीआई ने अपने वकील को ही कोर्ट में पेश नहीं किया. सीबीआई का वकील पेश नहीं होने के कारण 11 दिन बाद की तारीख पड़ गई. अब मनीष सिसोदिया को 11 दिन और सीबीआई की कस्टडी में रहना होगा. इसके साथ ही, ईडी ने भी मुकदमा दर्ज कर मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने का मन बना लिया. एक ही केस और तथ्य हैं. लेकिन अलग-अलग एजेंसी पकड़ लेती है.
उन्होंने कहा कि भाजपा देश में एजेंसी-एजेंसी खेल कर विपक्ष को खत्म कर रही है. इनका मकसद साफ है कि इस देश को वन नेशन, वन पार्टी, वन लीडर में तब्दील कर दिया जाए. देश में कोई और नेता न बचे और भारत का लोकतंत्र एकतंत्र में तब्दील कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी जेलों और इन एजेंसियों से नहीं डरती है. आम आदमी पार्टी संघर्ष के कोंख से जन्मी है.