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शीला दीक्षित का पुराना आवास बनेगा राहुल गांधी का नया ठिकाना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी कांग्रेस की दिग्गज दिवंगत नेता शीला दीक्षित के घर में शिफ्ट हो सकते हैं. यह घर बी-2 निजामुद्दीन ईस्ट की पहली मंजिल में है. शीला दीक्षित 1991 से 1998 और फिर 2015 के बाद इसी घर में रही थीं. उनके बेटे संदीप दीक्षित ने हाल ही में अपने परिचितों को एक अनौपचारिक संदेश भेजकर इलाके में अपने आवास को बी-2 से ए-5 में शिफ्ट करने की जानकारी दी थी.

राहुल गांधी बी-2 निजामुद्दीन ईस्ट की पहली मंजिल में होंगे शिफ्ट (फाइल फोटो) राहुल गांधी बी-2 निजामुद्दीन ईस्ट की पहली मंजिल में होंगे शिफ्ट (फाइल फोटो)
मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 11:24 AM IST

कांग्रेस नेता राहुल गांधी कांग्रेस की दिग्गज दिवंगत नेता शीला दीक्षित के आवास में शिफ्ट हो सकते हैं. यह आवास बी-2 निजामुद्दीन ईस्ट की पहली मंजिल में है. शीला दीक्षित 1991 से 1998 और फिर 2015 के बाद इसी घर में रही थीं. उनके बेटे संदीप दीक्षित ने हाल ही में अपने परिचितों को एक अनौपचारिक संदेश भेजकर इलाके में अपने आवास को बी-2 से ए-5 में शिफ्ट करने की जानकारी दी थी.

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अप्रैल में खाली कर दिया था अपना बंगला

राहुल गांधी ने सांसद सदस्यता जाने के बाद 22 अप्रैल को अपना सरकारी बंगला 12, तुगलक लेन खाली कर दिया था. बंगला खाली करने के बाद राहुल गांधी ने कहा था- मैंने 'सच बोलने की कीमत चुकाई' हैं. हिन्दुस्तान की जनता ने मुझे यह घर दिया था, जहां वो 19 साल से रह रहे थे.

इस दौरान उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा था, 'भाई ने जो बोला वो सच है. उन्होंने सरकार के खिलाफ बोला इसलिए ये सब हो रहा है वो बहुत हिम्मत वाले हैं. मैं भी उनके साथ हूं.' राहुल गांधी को संसद सदस्य से अयोग्य ठहराए जाने पर लोकसभा सचिवालय ने नोटिस भेजकर उनसे 22 अप्रैल तक बंगला खाली करने को कहा था. 

दरअसल नेताओं से बंगले खाली कराने के मकसद से 2019 में मोदी सरकार एक कानून लेकर आई थी. इसके मुताबिक, समय पर बंगले खाली न करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है.

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राहुल की 2 साल की सजा बरकरार

राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक रैली के दौरान 'मोदी सरनेम' को लेकर बयान दिया था. इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था. चार साल बाद 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. उसी दिन से उनकी सदस्यता खत्म हो गई थी, इसलिए उनसे सरकारी बंगला खाली करवा लिया गया था.

राहुल ने कोर्ट के इस फैसले को गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. इस मामले में हाई कोर्ट ने भी 7 जुलाई को अपने फैसले में राहुल गांधी को झटका दे दिया. कोर्ट ने मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. 

 

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