
जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी पर घमासान के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंचे हैं. वहां छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. छात्रों की गिरफ्तारी के विरोध में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि छात्रों की आवाज को दबाने वाला सबसे बड़ा राष्ट्र विरोधी है.
इससे पहले राहुल गांधी को जेएनयू में प्रवेश के साथ ही एबीवीपी कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा. राहुल को काले झंडे दिखाए गए हैं. कांग्रेस नेता अजय माकन और आनंद शर्मा भी राहुल के साथ हैं, जबकि लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी और डी. राजा वहां पहले से मौजूद हैं.
यूनिवर्सिटी में लेफ्ट विंग के छात्रों की ओर से आयोजित सभा को संबोधित करते हुए राहुल ने आगे कहा, 'केंद्र सरकार छात्रों की आवाज नहीं सुन रही है. जो लोग छात्रों की अावाज दबा रहे हैं वह सबसे बड़े राष्ट्र विरोधी हैं.' कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आगे कहा कि अगर छात्रों ने मुझे काले झंडे दिखाए हैं तो यह उनका हक है.
राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग छात्रों को दबाना चाह रहे हैं, वह यह नहीं जानते कि ऐसा करके वह छात्रों को और मजबूत बना रहे हैं. उन्होंने कहा, 'जनता की आवाज बहुत मायने रखती है, लेकिन यहां एक युवा ने अपनी आवाज उठाई तो वो कहने लगे कि वह राष्ट्र विरोधी है. लोगों ने मुझे काले झंडे दिखाए. मैं खुश हूं और गर्व महसूस कर रहा हूं कि मेरे देश में उनको ये अधिकार मिला है.'
दूसरे गेट से बाहर निकले राहुल
सभा की समाप्ति के बाद राहुल गांधी के यूनिवर्सिटी कैंपस से बाहर निकलने को लेकर भी खूब बवाल हुआ. एबीवीपी के छात्रों ने राहुल की गाड़ी का रास्ता रोक लिया. बताया जाता है कि कुछ छात्र उनकी गाड़ी के आगे लेट गए. कांग्रेस उपाध्यक्ष की सुरक्षा में तैनात एसपीजी की गाड़ियों को भी निकलने में खूब परेशानी का सामना करना पड़ा. बाद में राहुल गांधी को दूसरे गेट से बाहर निकाला गया.
बताया जाता है कि इस सभा के विरोध में एबीवीपी ने सुरक्षा अधिकारी को पहले चिट्ठी लिखी थी. सुरक्षा अधिकारी राहुल गांधी और अन्य नेताओं के पहुंचने पर आयोजन स्थल का लाउस्पीकर को बंद करवा दिया था. जबकि नेताओं के वहां पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने विरोध में 'वीसी हाय हाय' के नारे लगाए. हालांकि, विरोध के बीच राहुल सभा स्थल पर पहुंच गए. वामपंथी विचारधारा के छात्रों ने कहा कि रविवार की शाम 5 बजे छात्रों की गिरफ्तारी के विरोध में कैंपस स्थित गंगा ढाबा के निकट ह्यूमन चेन बनाया जाएगा और विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.
एबीवीपी से जुड़े लोगों ने बताया कि जेएनयू के सुरक्षा अधिकारी को इस बैठक के विरोध में चिट्ठी लिखी गई थी, जिसमें कहा गया कि बिना अनुमति बाहरी नेताओं को विश्वविद्यालय परिसर में दाखिल होने नहीं दिया जाए.
राहुल पहले ही विवाद को लेकर केंद्र की एनडीए सरकार पर हमला बोल चुके हैं, वहीं बीजेपी ने भी उनपर करारा वार किया है. बीजेपी ने जेएनयू के छात्र नेता की गिरफ्तारी की आलोचना करने वाले राहुल गांधी और विपक्ष के दूसरे नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की भाषा बोल रहे हैं. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस के उपाध्यक्ष और नेता जैसी बात कर रहे हैं, वह शहीदों का अपमान है और इससे राष्ट्र विरोधी ताकतों का मनोबल बढ़ता है.
बीजेपी ने दावा किया कि जेएनयू परिसर में कुछ लोगों द्वारा आयोजित किए गए ‘भारत विरोधी’ मार्च की देशभर में निंदा हो रही है, लेकिन कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल अपने ‘राजनीतिक द्वेष’ और वोट बैंक की राजनीति के कारण मोदी सरकार को निशाना बना रहे हैं.
'यह शहीदों और सेना का अपमान'
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, 'राहुल गांधी और उनके दोस्त लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हाफिज सईद की भाषा बोल रहे हैं, जिसने जेएनयू में भारत विरोधी कार्यक्रम के समर्थन में ट्वीट किया है. यह हमारे शहीदों और सशस्त्र बलों का अपमान है जो सीमा पर अपने प्राणों का बलिदान करते हैं और इससे राष्ट्र विरोधी ताकतों का मनोबल बढ़ेगा.'
उन्होंने कहा, 'जेएनयू ने कई बुद्धिजीवियों और नौकरशाहों को जन्म दिया है. वहां कुछ लोगों ने भारत विरोधी भाषण दिए. कानून अपना काम कर रहा है. बीजेपी कांग्रेस से अपील करेगी कि वह राजनीतिक कारण से हमारे शहीदों का अपमान ना करे.' उन्होंने हाल में हुई सेनाकर्मियों की मौत की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहां सैनिक सीमा पर अपने प्राणों का बलिदान दे रहे हैं, वहीं जेएनयू जैसे संस्थान में भारत विरोधी नारेबाजी की जा रही है और आतंकियों का गुणगान हो रहा है.'
क्या कहा था राहुल गांधी ने
गौरतलब है कि जेएनयू विवाद में छात्र नेता की गिरफ्तारी को लेकर राहुल ने कहा था, 'मोदी सरकार और एबीवीपी जेएनयू जैसे संस्थान पर सिर्फ इसलिए धौंस जमा रहे हैं, क्योंकि यह उनके अनुसार नहीं चल रहा. यह पूरी तरह से निंदनीय है.' कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आगे कहा था कि भारत विरोधी भावना स्वीकार्य होने का कोई सवाल ही नहीं है, जबकि असहमति और चर्चा का अधिकार लोकतंत्र का आवश्यक तत्व है.