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रेल भवन प्रदर्शन: सीएम केजरीवाल समेत AAP नेताओं के खिलाफ सुनवाई पर रोक

रेल भवन पर प्रदर्शन से जुड़े केस में रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ फिलहाल सुनवाई पर स्टे लगा दिया है. मामला साल 2014 में रेल भवन के बाहर गैरकानूनी प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है.

अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया (Photo- India Today) अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया (Photo- India Today)
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 1:32 PM IST

रेल भवन पर प्रदर्शन से जुड़े केस में रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ फिलहाल सुनवाई पर स्टे लगा दिया है. रॉउज एवेन्यू कोर्ट की सेशन कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है.

मामला साल 2014 में रेल भवन के बाहर गैरकानूनी प्रदर्शन से जुड़ा है. दो हफ्ता पहले केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के चार नेताओं के खिलाफ आरोप तय किए गए थे. इन चारों नेताओं पर धारा 145, 147, 149, 332 के तहत सरकारी काम में रुकावट डालने और गैरकानूनी जमावड़े के आरोप तय किए गए थे.

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हालांकि, मुकदमे का सामना करने से पहले ही इस मामले में आरोपियों की तरफ से रिवीजन पिटीशन सेशंन कोर्ट में लगा दी गई. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तब तक के लिए स्टे लगा दिया है, जब तक कोर्ट रिवीजन पिटीशन पर अपना फैसला न सुना दे.

आरोप तय होने के बाद मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होनी थी. जिसमें गवाहों से पूछताछ की जानी थी, लेकिन पूरी सुनवाई पर ही कोर्ट ने रोक लगा दी है. इसलिए 26 जुलाई को होने वाली सुनवाई अब नहीं हो पाएगी.

साल 2014 से जुड़ा मामला

मामला 20 जनवरी 2014 से जुड़ा हुआ है. जिसमें रेल भवन पर सोमनाथ भारती के खिलाफ पुलिस द्वारा केस दर्ज करने के बाद ये धरना प्रदर्शन किया गया था. सोमनाथ भारती ने खिड़की एक्सटेंशन में रात के वक्त कुछ जगहों पर छापामारी की थी. भारती का दावा था कि वहां ड्रग्स जैसे धंधों के साथ-साथ वेश्यावृत्ति जैसे कुछ और गैरकानूनी काम थी चल रहे थे, जिसकी शिकायत वहां के स्थानीय नागरिकों से मिलने पर उन्होंने यह छापा डाला था.

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सोमनाथ भारती का दावा था कि पुलिस ने उन शिकायतों को कुछ करने के बजाय उल्टा सोमनाथ भारती के खिलाफ ही केस रजिस्टर कर लिया. नाइजीरियन मून की कुछ महिलाओं ने सोमनाथ भारती के खिलाफ दिल्ली पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई कि वह जबरन उनके घर में रात में घुसे और उनके साथ बदतमीजी की. इस एफआईआर के दर्ज होने के बाद ही अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल से जुड़े नेताओं ने रेल भवन पर प्रदर्शन किया था.

केजरीवाल के अलावा इस मामले में दिल्ली पुलिस ने मनीष सिसोदिया, राखी बिड़लान और सोमनाथ भारती पर आरोप तय कर दिए थे. वहीं, संजय सिंह और आप के पूर्व नेता आशुतोष को आरोप से बरी कर दिया था. संजय सिंह ने इस मामले में कोर्ट से आरोप मुक्त होने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया भी दी थी कि उन्हें ही क्यों आरोप मुक्त किया गया है.

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