
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने हाल ही में समाप्त हुए संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर अपना रिपोर्ट कार्ड जारी किया है. राघव चड्ढा की ओर से जारी किए गए सात पेज के रिपोर्ट कार्ड में शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में सौ फीसदी उपस्थिति का दावा करते हुए उन सवालों की भी जानकारी दी गई है जो उन्होंने उठाए.
राघव चड्ढा ने अपने रिपोर्ट कार्ड में उन मुद्दों का भी जिक्र किया है जिन्हें उन्होंने उठाए और जिनसे जुड़ी बहस में भाग लिया और नियम 267 के तहत नोटिस दिया. 7 दिसंबर से 23 दिसंबर तक चले शीतकालीन सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में 25 सवाल पूछे जिनमें से अधिकांश सवाल पंजाब से संबंधित थे.
राघव चड्ढा ने श्रीकरतारपुर साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए फीस माफी, बेअदबी के लिए कड़ी सजा, आनंदपुर साहिब को हेरिटेज सिटी का दर्जा दिए जाने, रेलवे स्टेशंस के आधुनिकीकरण को लेकर सवाल किए. उन्होंने जालंधर में चमड़ा निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने, उड़ान योजना, पंजाब पुलिस के आधुनिकीकरण, पीएमजीएसवाई, साई केंद्रों में वृद्धि को लेकर भी सवाल किए.
राघव चड्ढा ने किसानों के हितों का समर्थन करते हुए पराली जलाने की जगह अन्य विकल्पों को बढ़ावा देने, बाजार मूल्य और एमएसपी के बीच अंतर, पंजाब में भूजल स्तर, डीएपी की कमी, किसानों की आय को दोगुना करने और कृषि से जुड़े अन्य मुद्दों पर सरकार से सवाल किए. वे बेअदबी के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग को लेकर गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर भी बैठ गए थे.
अनुपूरक मांग, बजट पर चर्चा दो बार कराने का रखा प्रस्ताव
राघव चड्ढा ने इस सत्र में अपना पहला भाषण देते हुए अनुदानों की अनुपूरक मांग और बजट पर चर्चा दो बार कराने का प्रस्ताव रखा. वे मजाकिया अंदाज के लिए भी सुर्खियों में रहे. राघव चड्ढा के वित्त मंत्री से 10 बड़े सवाल भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे जिसमें कमजोर रुपये, सरकार के रोजगार न दे पाने, कर का बोझ, स्टार्ट-अप मंदी, गिरते निर्यात और निवेश में निजी क्षेत्र के रुचि न लेने से जुड़े सवाल थे. उन्होंने वित्त मंत्री से यह भी पूछा था कि क्या उन्हें अन्य आवश्यक वस्तुओं के साथ एक किलो गेहूं और चावल की कीमत पता है?
राघव चड्ढा ने इन मुद्दों पर पूछे सवाल
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद ने बढ़ती महंगाई, स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी, सीमा पार से नकली नोटों की तस्करी, पूर्व सैनिकों की पेंशन के मसले पर भी सरकार को घेरा. उन्होंने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर, आवश्यक खाद्य पदार्थों के आयात, इंटरनेट बंदी, रिक्तियों और अर्ध-न्यायिक निकायों में लंबित मामलों को लेकर भी संसद में सरकार से सवाल पूछे. राघव चड्ढा ने न्यायाधीशों की नियुक्ति को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक पर भी आपत्ति दर्ज कराई और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को लेकर अपनी राय रखी.
उन्होंने विदेशों से संचालित गैंगस्टर्स की वापसी, एम्स डेटा हैकिंग, समाचार चैनलों पर उत्तेजक बहस को लेकर भी संसद में आवाज उठाई. राज्यसभा के नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस के नोटिस भी दिए और चीन में बढ़ते कोरोना के मामलों और भारत पर इसके प्रभाव, केंद्र सरकार की ओर से न्यायिक नियुक्तियों में हस्तक्षेप के प्रयास, एलएसी पर भारत-चीन के सैनिकों के संघर्ष समेत सार्वजनिक महत्व के कई मुद्दों पर चर्चा की मांग की.
राघव ने पंजाब के अन्य सांसदों को पीछे छोड़ा
पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के रिपोर्ट कार्ड पर नजर डालें तो सूबे के अन्य सांसद कामकाज के मामले में उनसे काफी पीछे नजर आते हैं. राघव चड्ढा की संसद में उपस्थिति जहां सौ फीसदी रही, वहीं शिरोमणि अकाली दल के सांसद सुखबीर सिंह बादल की 18 और सिमरनजीत मान की 45 फीसदी. बीजेपी सांसद सनी देओल एक भी दिन संसद की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए.
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद ने जहां 11 बहस में सहभागिता की वहीं सुखबीर बादल और सनी देओल ने किसी भी बहस में भाग नहीं लिया. सिमरनजीत तीन बहस में शामिल हुए. राघव चड्ढा ने संसद के शीतकालीन सत्र में 25 सवाल पूछे जबकि सुखबीर बादल समेत अन्य तीनों सांसदों ने कोई सवाल नहीं पूछा.