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रियलिटी चेक: त्योहारी सीजन में दिल्ली के बाजार खचाखच, सोशल डिस्टेंसिंग किस चिड़िया का नाम?

त्योहारी सीजन की वजह से सड़कों पर भीड़ बढ़ने लगी है. बाजार अब गुलजार हैं. ग्राहकों को देखकर दुकानदारों के चेहरे की रौनक लौटने लगी है. रेस्तरां-होटलों में भी खाने के शौकीनों की संख्या बढ़ने लगी हैं. लेकिन इन सबके बीच कहीं लोग कोविड-19 संक्रमण के खतरे को भूल तो नहीं गए?

बाजारों में बढ़ी भीड़ बाजारों में बढ़ी भीड़
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:39 PM IST
  • दिल्ली में हर दिन आ रहे कोरोना के करीब 5000 नए मामले
  • विशेषज्ञों के मुताबिक 12,000 तक पहुंच सकता है ये आंकड़ा
  • त्योहारी सीजन के कारण गुलजार हैं बाजार, बढ़ी है भीड़

लहरों के उतार-चढ़ाव की तरह ही देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के आंकड़ों की स्थिति है. एक बार फिर दिल्ली में हर दिन आने वाले कोविड-19 के नए केसों ने ऊपर चढ़ना शुरू कर दिया है. अब यहां हर दिन 5000 से ज्यादा नए केस दर्ज हो रहे हैं.  

हाल ही में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने औपचारिक बयान में नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पाल कमेटी की ओर से त्योहारी सीजन में पेश होने वाले खतरों को लेकर आगाह किया था. इस कमेटी के अनुमान के मुताबिक त्योहारी सीजन में देश के कई इलाके कोरोना का विस्फोट झेल सकते हैं. इसके मुताबिक अकेले दिल्ली में 12000 से ज्यादा नए केस हर दिन सामने आ सकते हैं. 

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दरअसल त्योहारी सीजन का आगमन सर्दियों की दस्तक के साथ हुआ है. साथ ही पराली जलाए जाने की घटनाओं से हवा में प्रदूषण भी बढ़ा है. ऐसे में विशेषज्ञ सांस की बीमारी वाले लोगों को खास ऐहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं.

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त्योहारी सीजन की वजह से सड़कों पर भीड़ बढ़ने लगी है. बाजार अब गुलजार हैं. ग्राहकों को देखकर दुकानदारों के चेहरे की रौनक लौटने लगी है. रेस्तरां-होटलों में भी खाने के शौकीनों की संख्या बढ़ने लगी हैं. लेकिन इन सबके बीच कहीं लोग कोविड-19 संक्रमण के खतरे को भूल तो नहीं गए? 2 गज की दूरी, चेहरे पर मास्क की अनिवार्यता और सैनिटाइजेशन के नियमों को लेकर ढिलाई के नतीजे खतरनाक भी हो सकते हैं.  

दिल्ली की जमीनी हकीकत जानने के लिए सोमवार (2 नवंबर) को आजतक/इंडिया टुडे ने प्रमुख बाजारों का दौरा किया. 

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सुबह 11:00 बजे, सदर बाजार 

सदर को दिल्ली का अहम बाजार माना जाता है. यहां न सिर्फ दिल्ली बल्कि दूसरे राज्यों से भी ग्राहक आते हैं. सदर को रिटेल और होलसेल, दोनों तरह के कारोबार का गढ़ माना जाता है. त्योहारी सीजन में यहां रौनक देखते ही बनती है. सुबह से ही बाजार खचाखच है. एक तरफ इससे आर्थिक गतिविधियां सामान्य पटरी पर लौटी दिखती हैं, वहीं इस चहल-पहल में कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी चिंता भी बढ़ाती है. 

लोगों में नहीं दिख रहा कोरोना का खौफ

हालांकि बाजार की मुख्य एंट्री से लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और अन्य सावधानियां बरतने की लगातार अपील की जा रही है लेकिन इसके बावजूद लोगों पर कोरोना का अधिक खौफ नहीं दिखता.

सोशल डिस्टेंसिंग की सबसे अधिक अनदेखी ई-रिक्शा पर सवारियों के भर कर चलने से होती दिखी. पकड़े जाने पर ई-रिक्शा चालक तर्क देता है कि कुछ पैसे नहीं कमाएंगे तो घरवालों का पेट कैसे भरेंगे. तो उसी रिक्शा पर सवारी कर रहे रवि कुमार ने तपाक से उलटे सवाल जड़ा- ‘बिहार की रैलियों में भीड़ आपको दिखाई नहीं देती?’ रिक्शा पर सवार एक महिला कहती है, “डर (कोरोना का) तो है लेकिन ऐसा करना मजबूरी है.”

नियमों के पालन की अपील का नहीं दिख रहा असर

कैमरे पर अनगिनत लोग कैद हुए जिनके चेहरे पर मास्क नहीं था. और अगर किसी ने पहना भी था तो नाक और मुंह खुला हुआ था. एक शख्स ने यहां तक कह दिया कि कोरोनावायरस से ज्यादा मजबूरी की वजह से मास्क लगाना पड़ता है. 

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दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल मास्क ना पहनने वालों को चालान करते भी दिखे. उनका कहना है कि “त्योहारी सीजन में भीड़ बढ़ने की वजह से नियमों का उल्लंघन करने वालों की संख्या भी बढ़ी है. कई लोग अभी भी लापरवाही करते हैं तो हम उन्हें समझाते हैं और चालान करते हैं.” 

सदर बाजार के प्रमुख चौराहे पर दिल्ली सरकार की संचालित कोविड-19 टेस्टिंग मोबाइल वैन खड़ी देखी गई. दिल्ली सरकार के वॉलन्टियर्स बाजारों के प्रमुख द्वारों पर तैनात हैं जो सुनिश्चित करते हैं कि बिना मास्क किसी को एंट्री न करने दी जाए. नियम तोड़ने वालों को सिविल डिफेंस वालन्टियर्स पकड़कर सीधे कोविड टेस्टिंग वैन के पास ले जाते हैं. यहां नियम तोड़ने वालों का एंटीजन या RT-PCR टेस्ट भी किया जाता है.

सिविल डिफेंस वालन्टियर आदिल ने बताया, "सरकार का आदेश है कि बिना मास्क पहने कोई बाजार में ना जाए लेकिन कई लोग नियम तोड़ते हैं. ऐसे नियम तोड़ने वालों को हम सीधे टेस्टिंग वैन पर लाते हैं जहां उनका टेस्ट किया जाता है.”  

सदर बाजार की इस टेस्टिंग वैन पर औसतन रोजाना लगभग 100 RT-PCR टेस्ट और 200 से ज्यादा एंटीजन टेस्ट किए जाते हैं. कई लोग टेस्ट से बचने की कोशिश करते हैं तो कई तरह तरह के बहाने बनाते हैं. देवेश कुमार बिना मास्क बाजार में घूमते हुए पकड़े गए तो उनका टेस्ट हुआ. लापरवाही की वजह पूछी गई तो देवेश ने कहा, “गलती हो गई, आगे से ऐसा कभी नहीं करेंगे.” 

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दोपहर 1 बजे, सरोजिनी नगर मार्केट 

सेंट्रल दिल्ली के सदर के बाद आजतक/इंडिया टुडे ने साउथ दिल्ली के मशहूर बाजार सरोजिनी नगर मार्केट का रुख किया. यहां भी खूब भीड़ दिखाई दी. भीड़ के मायने हैं 2 गज की दूरी यानी सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन. 

हालांकि मार्केट में लोगों में दूरी बनाए रखने के लिए मार्कर (चिह्न) तो बने नजर आते हैं, लेकिन वो बस नाम के लिए ही हैं, उनका पालन भीड़ में नामुमकिन है. 

अधिकतर लोगों के चेहरे पर मास्क दिखे लेकिन कई इस नियम की अनदेखी भी करते दिखे. दिल्ली के रहने वाले विवेक और उनके साथी कैमरे के सामने बिना मास्क पकड़े गए. विवेक कहते हैं कि मास्क जेब में रखा हुआ था तो तो उनके साथी कहते हैं कि मास्क बस नाक से नीचे ही था. दिलचस्प ये है कि लोग दलील देते नजर आते हैं कि सरकार को इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय करने चाहिए, लेकिन खुद मास्क क्यों हटाया, इसका जवाब उनके पास नहीं होता.

खरीददार ही नहीं, दुकानदार भी बरत रहे लापरवाही

सिर्फ खरीददार ही नहीं कई दुकानदार भी मास्क पहनने को लेकर लापरवाही बरतते दिखे. कोई थोड़ी देर खुली सांस लेने का तर्क देते दिखे तो कुछ ने कहा कि आगे से गलती नहीं करेंगे. सरोजिनी नगर बाजार में व्यवस्था देख रहे ओम दत्त शर्मा का कहना है, "त्योहारों के चलते अब ज्यादा लोग आने लगे हैं, हम कोशिश करते हैं कि लोग नियम का पालन करें. इसके लिए अनाउंसमेंट भी करते हैं लेकिन कुछ लोग नहीं मानते और ऐसे में पुलिस उनका चालान करती है." 

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ये था दिल्ली के दो बड़े और मशहूर बाजारों का रियलिटी चेक. यहां जो तस्वीर दिखी वो चिंता जगाने वाली है. अनलॉक के तहत व्यापारिक प्रतिष्ठान, दुकान, बाजार सब खुल चुके हैं. त्योहारों के चलते लोग खरीददारी के लिए बाजारों तक पहुंच रहे हैं जिससे अर्थव्यवस्था को सहारा तो मिलेगा लेकिन सोशल डिस्टेंसिग जैसे नियमों की अनदेखी आने वाले दिनों में अधिक मुश्किल हालात भी ला सकती है. दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से जिस तरह हर दिन नए केसों की संख्या बढ़ रही है, विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि त्योहारी मौसम में अगर नियमों का कड़ाई से पालन नहीं किया गया तो कोरोना के आंकड़ों में विस्फोट जैसी स्थिति भी आ सकती है. इससे पहले कि हालात नियंत्रण से बाहर हों, सभी का खुद ही सतर्क रहना जरूरी है.

 

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