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राजधानी के इन इलाकों में गड्ढों से बुरा हाल, जनता की सुनने वाला कोई नहीं

दिल्ली के आज़ाद मार्केट की सड़कें बुरी तरह से गड्ढों की गिरफ्त में हैं. दिल्ली के पुराने थोक बाज़ारो में से एक आज़ाद मार्केट पर सड़कों की जर्जर हालत न तो राज्य के मुखिया को दिखती है न ही यहां के पार्षद का ध्यान इस ओर गया है. यहां 15 साल से एक फ्लाई ओवर का निर्माण हो रहा है जिसे 3 साल में ही बन कर तैयार हो जाना चाहिए था. बाजार के मुख्य चौक पर 10 फीट चौड़ा गड्ढा है.

नहीं हटाया गया सड़को पर पड़ा मलवा नहीं हटाया गया सड़को पर पड़ा मलवा
स्मिता ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 2:53 PM IST

दिल्ली की जनता को बेसब्री से मानसून का इंतज़ार था लेकिन आप जान कर हैरान रह जाएंगे कि दिल्ली के कुछ इलाके ऐसे भी है जहां के लोगों का मानना है कि बारिश न हो तो ही अच्छा है. दरअसल इन इलाकों की सड़कें वर्षों से मरम्मत की बाट जोह रही हैं. बारिश में सड़कों का बुरा हाल हो जाता है. हालात ये है कि कई जगहों पर तो बीच सड़क पर 10 फीट चौड़े गड्ढे हैं जो हर दिन किसी हादसे को न्योता देते हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि सड़को की दुर्दशा कुछ महीनों से नहीं है बल्कि बीते कई वर्षों से है, न तो इनकी सूरत बदली है और न ही जनता की किस्मत में कोई बदलाव आया है.

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आज़ाद मार्केट

दिल्ली के आज़ाद मार्केट की सड़कें बुरी तरह से गड्ढों की गिरफ्त में हैं. दिल्ली के पुराने थोक बाज़ारो में से एक आज़ाद मार्केट पर सड़कों की जर्जर हालत न तो राज्य के मुखिया को दिखती है न ही यहां के पार्षद का ध्यान इस ओर गया है. यहां 15 साल से एक फ्लाई ओवर का निर्माण हो रहा है जिसे 3 साल में ही बन कर तैयार हो जाना चाहिए था. बाजार के मुख्य चौक पर 10 फीट चौड़ा गड्ढा है. चारों तरफ जहां भी नज़र घुमाते हैं खुदी हुई सड़के ही मिलेंगी. ट्रैफिक को दुरुस्त करने और फ्लाईओवर के निर्माण के लिए दुकाने भी तोड़ी गईं लेकिन उन दुकानों का मलबा सड़कों पर बिखरा पड़ा है, जिसके चलते जाम की स्थिति बनती है और हादसों भी होते हैं.

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अशोक नगर

अशोक नगर के प्रसिद्ध गुरुद्वारे के ठीक बगल की सड़क पूरी तरह खुदी पड़ी है. कभी सीवेज की नई लाइन बिछाने के बहाने तो कभी किसी और कारण से सड़क की खुदाई तो कर दी गई लेकिन उसे ठीक करने का ज़िम्मा किसी ने नहीं लिया. बरसात में यहां के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. खुदी सड़क पर गहरे गड्ढे और इलाके की जाम पड़ी नालियों ने लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है. बरसात में नालियां भर जाती हैं और पानी निकासी नहीं होने के चलते सड़क के साथ-साथ घरों में भी गंदा, बदबूदार पानी भर जाता है. प्रमुख सड़क की ऐसी दुर्दशा देख कर एक बार तो आप सोचने को मजबूर हो जायंगे कि क्या आप वाकई दिल्ली में हैं.

आनंद पर्वत

इंड्रस्ट्रियल इलाकों में से एक आनंद पर्वत में छोटे-बड़े उद्योग से जुड़ी तमाम फैक्ट्रियां हैं. लेकिन यहां पर भी सड़को का हाल बुरा ही है. प्रमुख चौराहे पर 10 से 12 फीट चौड़ा गड्ढा है और उसके साथ लगे छोटे-छोटे गड्ढों से अक्सर जाम लग जाता है. मुख्य सड़क के ठीक किनारे एक बड़ा सा गटर खुला पड़ा है, न तो एमसीडी ने इसे ढकने की जहमत उठाई है ना ही इसकी सफाई की, अब इसका खामियाजा यहां लगी फैक्ट्रियों के मालिकों को उठाना पड़ता है. सड़कों की दुदर्शा सुधारने के लिए कई बार शिकायतें की गईं लेकिन कार्रवाई के नाम पर कोई झांकने भी नहीं आया. लोगों की परेशानियों की  गवाह 'आजतक' की टीम भी बनी, जब ठीक सामने खुले पड़े गटर में एक गाड़ी फंस गई. उसके ठीक पीछे बच्चों को स्कूल से घर लाता एक रिक्शा था. अगर वह रिक्शा गड्ढे में फंस जाता तो बच्चों के साथ कोई हादसा भी हो सकता था. गाड़ी को तो जैसे तैसे बाहर निकाल लिया गया पर एक सवाल जरूर जहन में आया कि आखिर राजधानी की सड़कों को इन गड्ढों से निजात कब और कैसे मिलेगी.

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