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आगामी 15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले पर 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया जाएगा. 15 अगस्त से पहले दिल्ली के सभी इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दिल्ली पुलिस की नजर हर जगह है, चाहे जगह-जगह सिक्योरिटी पॉइंट्स पर जवानों की तैनाती करना हो, गाड़ियों की चेकिंग हो या ड्रोन से नजर रखना हो. दिल्ली पुलिस हर कोने पर सुरक्षा का खास ध्यान रख रही है.
ई परीक्षण ऐप से होगा लोगों का सत्यापन
स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस ने एक ऐसा ऐप बनाया है, जो सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. दरअसल, इस ऐप का नाम ई परीक्षण है और यह दिल्ली पुलिस के लिए ही बनाया गया है. इसका इस्तेमाल पब्लिक नहीं कर सकती बल्कि पुलिस वाले ही इस ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके जरिए दिल्ली के लाल किले के आस-पास रहने वाले लोगों की जानकारी का सत्यापन हो सकेगा.
वेरिफिकेशन के आएगा काम
नॉर्थ डीसीपी मनोज मीणा ने जानकारी दी कि इस ऐप को इसी साल लॉन्च किया गया है और यह 15 अगस्त और 26 जनवरी जैसे मौकों पर काफी कारगर साबित होगा, क्योंकि अब तक पुलिस के जवानों को एक-एक करके नागरिकों का वेरिफिकेशन करना पड़ता था, लेकिन अब इस ऐप में उनका डाटा फीड रहेगा जिससे लाल किले के आस-पास और लाल किला से जुड़े जितने भी लोग हैं उन सभी की जानकारी, उनका क्रिमिनल बैकग्राउंड और वह किस राज्य से ताल्लुक रखते हैं इसकी जानकारी दिल्ली पुलिस के पास होगी.
दिल्ली पुलिस ने 15 अगस्त से पहले ही सुरक्षा के पूरे इंतजाम कर लिए हैं और स्थानीय लोगों को यह हिदायत भी दी गई है कि वह ड्रोन न उड़ाएं, क्योंकि लाल किले के आस-पास अभी ड्रोन उड़ाना मना है और ऐसा करने पर कानूनी एक्शन लिया जाए.
कैसे काम करता है दिल्ली पुलिस का ऐप?
अब आपके मन में यह सवाल होगा कि आखिर दिल्ली पुलिस का यह ऐप काम कैसे करता है. दिल्ली पुलिस में कार्यरत सब इंस्पेक्टर विनोद वालिया ने बताया कि ई परीक्षण पूरी तरह से डिजिटल है. इसको दिल्ली पुलिस के वही अधिकारी चला सकते हैं, जो सिक्योरिटी और सर्विलांस टीम में काम करते हैं क्योंकि यह सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. इसलिए दिल्ली पुलिस इसकी जानकारी पब्लिक प्लेटफॉर्म सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा नहीं कर रही है.
दिल्ली पुलिस की टेक्निकल टीम इस ऐप को मॉनिटर करती है. इसके जरिए यह भी पता किया जा सकता है कि कितने ऐसे लोग हैं, जिनका वेरिफिकेशन अब तक नहीं हुआ है. इसको चलाने के लिए एक यूजर लॉगिन है और खोलते ही आपको आस पास रह रहे लोगों का पूरा डाटा मिल जाता है, जो उनके राज्यों के स्थानीय पुलिस से कन्फर्म करने के बाद ही वेरिफाई किया जाता है.