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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को बदनाम करना चाहता था दीप सिद्धू, सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा

केन्द्रीय कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलित किसानों की गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में दीप दीप सिद्धू की जमानत अर्जी पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

दीप सिद्धू (फोटो-PTI) दीप सिद्धू (फोटो-PTI)
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 4:43 PM IST
  • दो दिन के अंदर दलीलें फाइल करने के दिए निर्देश 
  • दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में हुई आज सुनवाई 

दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के मामले में अभिनेता दीप सिद्धू की जमानत अर्जी पर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में आज सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले में दो दिन में सभी पक्षों को अपनी लिखित दलीलें फाइल करने का निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि दीप सिद्धू की जमानत अर्जी पर को 15 अप्रैल को अपना फैसला सुना सकती है.

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 दीप सिद्धू की अर्जी पर हुई सुनवाई के दौरान आज आरोपी पंजाबी अभिनेता की ओर से दलील दी गई है कि वह हिंसा में शामिल नहीं हुआ और वो एक जिम्मेदार नागरिक है. दीप सिद्धू के वकील ने कोर्ट को कहा कि वो सिर्फ प्रदर्शन से जुड़ा हुआ था और क्योंकि एक जाना-पहचाना चेहरा है, इसलिए उसको बलि का बकरा बनाया गया है. दीप सिद्दू की जमानत अर्जी पर तीस हजारी कोर्ट में पिछले कई दिन सुनवाई चली है. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा दीप सिद्धू ने कानून को अपने हाथ में लिया. भीड़ को हिंसा के लिए भड़काया, जिसके चलते दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हुए. 


दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में वकील के माध्यम से कहा कि क्या मानव अधिकार सिर्फ आरोपियों का होता है, उन पुलिसकर्मियों का नहीं जो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसे प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के शिकार होते हैं. सरकारी वकील ने अपनी दलील में कहा कि जब ट्रैक्टर रैली के लिए दिए गए रुट में लाल किला शामिल ही नहीं था, तो लाल किले पर दीप सिद्धू कैसे पहुंच गया. अगर किसानों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का इरादा था, तो फिर वो लाल किला क्या करने गए थे. सरकारी वकील की दलील थी कि दीप सिद्धू का मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को बदनाम करने का था.

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वहीं दीप सिद्धू ने अपने वकील के जरिए कहा कि उसने दिल्ली में हिंसा भड़काने का कोई भी काम नहीं किया है, बल्कि हिंसा होने से पहले ही वो किसान आंदोलन से अलग हो गया था. दीप सिद्धू ने कहा कि मैं हिंसा से पहले ही लाल किले से निकल गया था, लेकिन मैंने एक वीडियो पोस्ट किया था, जो पोस्ट करना मेरी गलती थी, लेकिन हर गलती को अपराध नहीं कहा जा सकता है.

 

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