
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता मंगलवार की शाम होली के एक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचीं थीं. इस दौरान जब कुछ लोग उनके साथ फोटो क्लिक कराने लगे तो उनका अलग ही अंदाज देखने को मिला. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि यार बस करो, हर बार एक ही जैसी फोटो आएगी. सभी को फोटो ही क्लिक करानी है. कभी कुछ खाने-पीने के लिए पूछ लिया करो. कभी पराठे तो खिलाओ. चाय-नाश्ता की हूं या नहीं ये भी कोई अब नहीं पूछता. मुख्यमंत्री के मुंह से ये बात सुनकर कार्यकर्ता भी जोश में आकर ताली बजाने लगे.
दरअसल, कार्यक्रम में अपने पुराने दिनों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से कुछ साल पहले जब मैं निगम की पार्षद बनकर आई थी तो लोग हर दिन फोन करते थे. कहते थे कि मैम आप मेरे घर आ जाइए. आज आपके लिए डिनर की व्यवस्था किए हैं. कोई कहता था कि आज मेरे यहां आ जाइए लंच की व्यवस्था किया हूं. लेकिन मैं कहती थी कि नहीं भाई कितना खाऊंगी... खाना-पीना ज्यादा नहीं हो पाता है.
वहीं, जब से मुख्यमंत्री बनी हूं. कोई खाने तक के लिए नहीं पूछ रहा है. चुनाव प्रचार और व्यस्त शेड्यूल के चलते पिछले 6 महीनों से मैं पराठे नहीं खाई हूं. कोई तो पराठे खिला दो यार. इस दौरान मुख्यमंत्री ने साथ मौजूद स्टाफ से भी कहा कि यार आप लोग ही पराठे खिला दो.
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मोदी जी ने पहले ही कह दिया है कि आपको मुख्यमंत्री बना रहा हूं. ताकि आप लोगों की समस्याओं को दूर करें और दिल्ली के विकास के लिए काम करें. यही वजह है कि मैं काम प्रभावित न हो, इसलिए रोज-रोज किसी कार्यक्रम में भी नहीं जा पाती हूं. आज होली के प्रोग्राम में यहां इसलिए आई हूं, ताकि अपने लोगों से एक साथ मिल सकूं.