
केरल लोक सेवा आयोग (के-पीएससी) में सदस्यों के नॉमिनेशन को लेकर Kerala NCP में चल रहा विवाद कम होता नहीं दिख रहा है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पीसी चाको पार्टी में पीएससी की सदस्यता कथित रूप से 'बेचने' के लिए विवादों में हैं. मंत्री एके शशिंद्रन और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व वाला पार्टी गुट पीसी अध्यक्ष के इस कदम से नाखुश नजर आ रहा है.
पहचान जाहिर न करने की शर्त पर पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी के अंदर जो कुछ हो रहा है वह 'खुली बिक्री' के अलावा और कुछ नहीं है. उन्होंने आजतक को बताया कि गठबंधन में हर पार्टी पीएससी के लिए अपनी पसंद के लोगों को नामित करने का हकदार है. अक्सर सभी पार्टियां एक ऐसे व्यक्ति को नामित करती हैं जो पार्टी में सीनियर है और पार्टी में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इसके अलावा उम्मीदवार पार्टी का पूर्णकालिक सदस्य होगा, लेकिन इस मामले में पार्टी के सभी मानदंडों का उल्लंघन किया गया है.
कब शुरू हुआ विवाद
विवाद तब शुरू हुआ जब राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष पीसी चाको ने पार्टी की महिला शाखा की सचिव को पीएससी सदस्य के रूप में नॉमिनेट करने का फैसला किया. प्रतिद्वंद्वी गुट का दावा है कि महिला सिर्फ 6 महीने पहले ही महिला विंग में शामिल हुई थी. वह एनसीपी की पूर्णकालिक सदस्य भी नहीं थी. पार्टी में महिला विंग या युवा विंग जैसे संगठनों के लिए प्रतिनिधियों को नामित करने की परंपरा नहीं है. प्रतिद्वंद्वी गुट के एक नाराज राकांपा नेता ने आरोप लगाया नॉमिनेटेड महिला कुछ सीनियर नेताओं को रिश्वत देकर संगठन में आई थी. प्रदेश अध्यक्ष के एक करीबी ने इस महिला को पीएससी सदस्य के रूप में नॉमिनेट करने के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत ली है.
राज्य में पार्टी के नेतृत्व ने अभी इस विवाद का जवाब नहीं दिया है. पता चला है कि अध्यक्ष पीसी चाको ने पीएससी सदस्यों के नॉमिनेशन में गतिरोध को लेकर एलडीएफ के संयोजक ए विजयराघवन, माकपा सचिव कोडियेरी बालकृष्णन से मुलाकात की है. दोनों नेताओं ने चाको को पहले पार्टी में असंतोष को दूर करने का सुझाव दिया है. हालांकि बाद में चाको ने इस संबंध में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से मुलाकात की.
रिपोर्ट- रिक्सन