
जामिया यूनिवर्सिटी में एमफिल की स्कॉलर सफूरा जरगर का एडमिशन रद्द कर दिया गया, जिसके बाद जामिया कैंपस में सफूरा के पक्ष में नारेबाजी हुई. यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से बताया गया है कि समय पर थीसिस जमा नहीं होने की वजह से एडमिशन रद्द किया गया है. सफूरा जरगर ने इसके खिलाफ वाइस चांसलर को चिट्ठी लिखी है. बता दें कि सफूरा जरगर CAA-NRC विरोधी प्रोटेस्ट में शामिल थीं और दिल्ली दंगों की आरोपी हैं.
सफूरा जरगर के पक्ष में जामिया में हुई नारेबाजी के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. सफूरा का एडमिशन बीते 26 अगस्त को ही कैंसिल कर दिया गया था. सफूरा ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी. डीन ऑफिस ने 26 अगस्त को नोटिस जारी कर उन्हें जानकारी दी कि उनका एडमिशन रद्द कर दिया गया. सफूरा जामिया से MPhil की स्कॉलर थीं.
सफूरा जरगर के खिलाफ लगा था UAPA
सफूरा पर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने दिल्ली दंगों के मामले में UAPA एक्ट लगाया था. दंगों की चार्जशीट में स्पेशल सेल ने सफूरा के कई चैट्स के जरिए भी खुलासा किया था कि वह CAA और NRC के दौरान दंगों को भड़काने की साजिश में शामिल थीं. सफूरा को प्रेगनेंट होने की चलते जमानत दी गई थी.
डीन ऑफिस से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि प्रोफेसर कुलविंदर कौर के अंडर उनकी MPhil/PhD निम्न कारणों से रद्द कर दी गई है-
-उनके सुपरवाइज़र के अनुसार उनकी प्रोग्रेस असंतोषजनक है.
-स्कॉलर ने अधिकतम समय सीमा बीत जाने पर अतिरिक्त समय की मांग के लिए आवेदन नहीं किया.
-स्कॉलर ने निर्धारित 5 सेमेस्टर और कोरोना के चलते मिले अतिरिक्त 6वें सेमेस्टर तक अपनी डिजर्टेशन सब्मिट नहीं की.
जामिया द्वारा सफूरा के संबंध में दी गई जानकारी
सफूरा जरगर को अस्थायी रूप से 2018-19 कार्यक्रम में एम.फिल./पीएचडी में भर्ती कराया गया था. एमफिल 3 सेमेस्टर का पाठ्यक्रम है, लेकिन स्कॉलर्स को एक सेमेस्टर में दो एक्सटेंशन मिल सकते हैं. 22 अप्रैल, 2021 के यूजीसी के नोटिफिकेशन के मुताबिक, कोरोना की वजह से रेगुलर प्रोग्राम में 6 महीने का एक्सटेंशन दिया गया.
सफूरा को मिली मानवीय आधार पर छूट
इसके अलावा, महिला स्कॉलर्स के लिए 240 दिनों तक की अवधि में एक बार मैटर्निटी लीव या चाइल्ड केयर लीव मिल सकती है, जो RAC/DRC की सिफारिश पर VC दे सकता है. CAA-NRC विरोधी प्रदर्शन में शामिल होने के बाद, सफूरा को तीसरे सेमेस्टर के दौरान 2 दिनों के लिए पुलिस हिरासत मिली थी. उसके बाद उन्हें ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया. उसके बाद तीसरे सेमेस्टर के दौरान उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. विभाग ने उनकी परिस्थितियों पर विशेष ध्यान दिया. उन्हें जेल के अंदर भी पठनीय सामग्री भेजी गई. समय-समय पर मानवीय आधार पर छूट भी दी गई.
22 अगस्त को प्रवेश रद्द करने की सिफारिश को मंजूरी
कोविड की वजह से एक्सटेंशन के बाद भी उन्हें 6 फरवरी, 2022 तक रिसर्च पेपर जमा कराने चाहिए थे, लेकिन नहीं किए गए. 8 अप्रैल, 2022 को उन्हें ईमेल के माध्यम से सूचित किया गया था कि आरएसी उनके प्रवेश को रद्द करने के साथ आगे बढ़ रही है. उसके करीब दो महीने बाद 13 अप्रैल, 2022 को उनका आवेदन मिला. सफूरा ने इस आवेदन में दावा किया कि उनका रिसर्च वर्क पूरा हो गया था और वह इसे जमा करने के लिए तैयार थीं. इसलिए उसे एक और मौका देने के लिए कहा गया. 5 जुलाई 2022 को उसकी RAC बैठक ऑनलाइन आयोजित की गई. RAC ने 5 जुलाई को DRC से सफूरा के प्रवेश को रद्द करने की सिफारिश की, उसके बाद 22 अगस्त 2022 को DRC और BOS ने प्रवेश रद्द करने की सिफारिश को मंजूरी दे दी.