
अगर आप वाट्सएप पर हैं तो बीते कुछ दिनों में आपने जरूर चाइना के सामान का बहिष्कार करने संबंधी अपील देखी होगी. यह मैसेज बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. मैसेज के जरिए बताया गया है कि किस तरह से चाइनीज प्रोडक्ट खरीदने से चाइना को फायदा हो रहा है उस देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है.
'आज तक' की टीम यही जानने के लिए दिल्ली की तमाम मार्केट में पहुंची हम दिल्ली के सदर बाजार में पहुंचे यहां घर गृहस्ती से लेकर बिजनेस तक के हर तरह का सामान उपलब्ध है यह दिल्ली की थोक की बड़ी मार्केट है. पिछले कई सालों से चाइनीज लाइट की बिक्री कर रहे दिनेश ने बताया कि इस साल चाइना की लाइट की मांग बहुत कम है उनकी दुकान में कभी भीड़ हुआ करती थी आज दुकान में सन्नाटा है, लोग चाइना के प्रोडक्ट से दूरी बना रहे हैं.
हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट
वहीं चाइनीज पटाखों को तो पहले से ही पूरी तरह से बैन कर दिया गया है. खरीदारी करने आई एक महिला ग्राहक ने बताया कि चाहे थोड़ा सा महंगा मिले लेकिन वह भारतीय प्रोडक्ट्स की ही खरीदारी करेगी चाइना का सामान नही खरीदेंगी. दिल्ली के सदर बाजार की सबसे बडी ट्रेडर्स एसोसिएशन के देवराज बावेजा बताते हैं कि बात केवल चाइनीज आईटम के विरोध की नहीं, हजारों व्यापारियों की आमदनी पर भी संकट पैदा हो सकता है. उन्होंने बताया कि व्यापारियों ने पहले से ही एडवांस में बुकिंग करके सामान मंगवा लिया है, अब इसके बहिष्कार से अगर 15 पर्सेंट भी असर हुआ तो हजारो लोगो की रोजी रोटी पर संकट आ जाएगा.
चीन का डंपिंग ग्राउंड बन गया है भारत
देवराज ये भी बताते है कि सरकार का इंटरनेशनल ट्रेड एग्रीमेंट चीन से हुआ है. हम सबसे घटिया सामान चीन से मंगाते हैं. हम चीन के डंपिंग ग्राऊंड बने हुए हैं. इसलिए पॉलिसी बनाकर बहिष्कार होना चाहिए. दिल्ली की सदर बाजार हर तरह के प्रोडक्ट की सबसे बडी मार्केट है. हर साल हजारों-करोड़ का टर्नओवर होता है. यहां दीपावली के वक्त घर के आइटम से लेकर डेकोरेशन और लाईटिंग सबकुछ मिलता है.
ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल कहते हैं कि इस वक्त दिल्ली के दुकानदार बेहद असमंजस की स्थिति में है उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि करना क्या है दीपावली के लिए पहले से ही चाइनीज प्रोडक्ट्स मंगा कर रख लिए हैं लेकिन अब आगे का कुछ भी स्पष्ट नहीं है ऐसे में सरकार को चाहिए कि कोई नीति को स्पष्ट करें कि चाइनीज प्रोडक्ट्स को खरीदा जाए या नहीं.