
दिल्ली में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लवली के इस्तीफे पर महाराष्ट्र में पार्टी से निकाले संजय निरुपम की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने लवली के इस्तीफे के लिए गलत गठबंधन और हाईकमान का अहंकार बताया है.
संजय निरुपम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा, "दिल्ली में हुआ लवली इस्तीफा. कारण-गलत गठबंधन, हाईकमान का अहंकार और संवादहीनता."
लवली के इस्तीफे पर बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी के पास कोई मिशन या विजन नहीं है, यह केवल भ्रम, विभाजन और विरोधाभास में डूबी हुई है. हमने देखा है कि दिल्ली में पार्टी के कार्यकर्ता कन्हैया कुमार जैसे लोगों को दिए गए टिकट का विरोध कर रहे थे, जिन्होंने सशस्त्र बलों को गाली दी और नक्सलियों को शहीद कहा. AAP ने कहा था कि हमने दिल्ली में कांग्रेस का अस्तित्व पूरी तरह खत्म कर दिया. इन्होंने कहा था हम शीला दीक्षित और सोनिया गांधी को जेल में डालेंगे. कांग्रेस ने शिकायत की थी कि कैसे आम आदमी पार्टी शराब घोटाले में शामिल है, लेकिन केवल राजनीतिक कारणों से वे एक साथ आए हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि मतदाता एक साथ आएंगे. आज कांग्रेस अपने नेताओं को बनाए रखने में असमर्थ है क्योंकि उसके अपने नेता कांग्रेस को उसके पाखंड के लिए आईना दिखा रहे हैं.''
अरविंदर सिंह ने हाई कमान को भेजी अपनी चिट्ठी में लिखा कि मैं पार्टी में खुद को एकदम लाचार महसूस करता हूं. इसलिए अब दिल्ली अध्यक्ष के पद पर नहीं बना रह सकता. लवली ने दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया पर आरोप लगाया कि वो दिल्ली के पार्टी नेताओं द्वारा सर्वसम्मति से लिए फैसलों पर एकतरफा रोक लगा देते हैं. जब से मुझे दिल्ली का पार्टी चीफ बनाया गया है, तब से मुझे किसी को भी सीनियर पद पर नियुक्त करने की अनुमति नहीं है.
संजय निरुपम को पार्टी ने क्यों निकाला?
बता दें कि संजय निरुपम को कांग्रेस पार्टी ने इसी महीने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण छह साल के लिए निष्कासित किया है. वो लगातार पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे. संजय निरुपम कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मुंबई उत्तर पश्चिम सीट पर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन शिवसेना यूबीटी ने यहां से अमोल कीर्तिकर को अपना उम्मीदवार बना दिया जिससे निरुपम भड़क गए. निरुपम ने पहले भी सीट बंटवारे में कांग्रेस पर हावी होने के लिए शिवसेना यूबीटी की आलोचना की थी. निरुपम के खिलाफ कार्रवाई की मांग तब बढ़ गई जब उन्होंने लोकसभा चुनावों के लिए सीट-बंटवारे की बातचीत के दौरान मुंबई में सीटों को ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को देने के लिए महाराष्ट्र कांग्रेस पर हमला बोला था.