
देश में बढ़ते कोरोना वायरस मामलों के बीच जहां लोगों को कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने मंगलवार को कहा कि सरकार का कोविड-19 वैक्सीन सभी व्यक्ति को देने का कोई इरादा नहीं है. अब मंत्रालय के इस बयान पर दिल्ली सरकार और कांग्रेस पार्टी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या इस देश के लोगों को कोरोना की वैक्सीन मिलेगी या फिर उन्हें वैक्सीन के लिए आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा? वहीं, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यह केंद्र सरकार की नीति है, वे ही बता सकते हैं. लेकिन हमारा मानना है कि अगर वैक्सीन सफल होती है, तो सबको दी जानी चाहिए.
हम फिर से कह रहे हैं कि अगर दिल्ली को केंद्र सरकार वैक्सीन देती है, तो हम तीन-चार हफ्ते में पूरी दिल्ली को लगा देंगे, केंद्र सरकार को सबको वैक्सीन देनी चाहिए. सरकार ने कुछ और कहा सचिव ने कुछ और कहा किसकी बात मानेंगे .
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव का ये बयान सरकार की वैक्सीनेशन पॉलिसी की तरफ इशारा कर रहा है. बयान से पहले तक लोगों को लग रहा था कि सरकार सभी लोगों को टीकाकरण अभियान में शामिल करेगी. मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने साफ तौर पर कहा कि पूरे देश के टीकाकरण की बात सरकार ने कभी कही ही नहीं थी.
दिल्ली में बढ़ते कोरोना मामलों पर बोले जैन
दिल्ली में बढ़ते कोरोना मामलों पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में 4006 कोरोना के पॉजिटिव केस थे. पॉजिटिविटी रेट जो 7 नवंबर को 15 फीसदी से ज्यादा थी, वो कल 7 फीसदी से भी नीचे आ गई है. काफी तेजी से संक्रमण की दर कम हो रही है. यह संतोष का विषय है और ऐसा लगता है कि अगले कुछ दिनों में यह 5 फीसदी से भी नीचे पहुंच जाएगी.
बढ़ते कंटेनमेंट जोन्स की संख्या पर कही ये बात
यह कंटेनमेंट की हमारी नीति के अनुसार हो रहा है. जहां भी तीन से ज्यादा कोरोना के केस निकलते हैं, वहां कंटेनमेंट जोन बनाया जाता है, ताकि कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके और इसका असर भी दिख रहा है, इससे संक्रमण दर भी कम हो रही है और केस भी कम हो रहे हैं.
सभी कोरोना अस्पतालों में पोस्ट कोविड क्लीनिक की जरूरत पर कहा कि राजीव गांधी में अभी पोस्ट कोविड सेंटर में पर्याप्त व्यवस्था है. पोस्ट कोविड सेंटर की जरूरत उन्हीं को पड़ती है, जो आईसीयू तक जाते हैं संक्रमण के दौरान. सबको इसकी जरूरत नहीं पड़ती.
कोविड केयर सेंटर्स में आईसीयू बेड्स की जरूरत पर कहा कि दिल्ली में आज 1600 से भी ज्यादा आईसीयू बेड्स कोरोना अस्पतालों में उपलब्ध हैं और 11 हजार से भी ज्यादा कोविड डेडिकेटेड बेड्स हैं. इसलिए कोविड केयर सेंटर्स में आईसीयू बेड की जरूरत का कोई लॉजिक नहीं बनता. क्योंकि इसके लिए केवल ऑक्सीजन से काम नहीं चलता है, अस्पतालों के जैसे हर तरह की सुविधा और डॉक्टर्स की जरूरत पड़ती है.
किसान आंदोलन पर कही ये बात
किसान आंदोलन की जगह मेडिकल सुविधा और कोविड-टेस्ट पर कहा कि किसानों के आंदोलन वाली जगह पर मेडिकल कैम्प लगाए हुए हैं. किसान दिल्ली के बाहर प्रोटेस्ट कर रहे हैं, दिल्ली के अंदर प्रोटेस्ट नहीं कर रहे हैं. *दिल्ली सरकार की ओर से टेस्ट नहीं किए जा रहे हैं, क्योंकि दिल्ली के अंदर यह आंदोलन नहीं है.