
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के चांदनी चौक के दशकों पुराने हनुमान मंदिर को हटाने के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समुदाय की जरूरतों और हितों को देखना होगा, इस मामले को आगे न बढ़ाएं, मंदिर के पुजारी को वैकल्पिक भूमि के आवंटन के लिए एक आवेदन देने दें, जहां लोग प्रार्थना आदि कर सकें.
दिल्ली के चांदनी चौक में 3 जनवरी को ढहाए गए हनुमान मंदिर के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. याचिकाकर्ताओं ने स्वयं को हनुमान भक्त बताते हुए पांच दशक पुराना हनुमान मंदिर तोड़े जाने से धार्मिक भावनाएं आहत होने की बात कही थी. साथ ही दोबारा मंदिर स्थापित करने की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दिल्ली के रहने वाले जितेंद्र सिंह सहित चार लोगों ने वकील विष्णु शंकर जैन के जरिये दाखिल की थी. याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट के 30 अप्रैल, 2015 और 20 नवंबर, 2020 के आदेश को चुनौती दी गई थी. 30 अप्रैल, 2015 को हाई कोर्ट ने चांदनी चौक में अवैध रूप से बनाए गए धार्मिक स्थलों को हटाने का आदेश दिया था.
वहीं, 20 नवंबर, 2020 को हाई कोर्ट ने श्री मनोकामना सिद्ध श्री हनुमान सेवा समिति की मंदिर बचाने के लिए दाखिल अर्जी खारिज कर दी थी. याचिका में कहा गया था कि मंदिर ढहाने से पहले कानून में तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, जिससे याचिकाकर्ताओं के पूजा के अधिकार बाधित हुए हैं.