
दिल्ली के तीन हाईप्रोफाइल मामलों में सजा झेल रहे मनु शर्मा, सुशील शर्मा और संतोष सिंह को समय से पहले रिहा करने पर सजा की समीक्षा करने वाले दिल्ली सरकार के बोर्ड ने इनकार कर दिया है.
इन तीन अपराधियों में मनु शर्मा ने जेसिका लाल की हत्या की थी, सुशील शर्मा ने अपनी पत्नी नैना साहनी और संतोष सिंह ने प्रियदर्शिनी मट्टू की हत्या की थी.
दिल्ली सरकार के सजा की समीक्षा करने वाले बोर्ड में दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन, गृह सचिव, डीजी जेल, लॉ सेक्रेटरी, जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम), डिस्ट्रिक जज के अलावा सरकार की तरफ से नियुक्त किए गए चीफ प्रोबेशन ऑफिसर भी शामिल है. बोर्ड ने इन तीनों को राहत देने से इनकार कर दिया है.
गौरतलब है कि 1999 में दक्षिणी दिल्ली के एक बार में हरियाणा के दिग्गज नेता विनोद शर्मा के पुत्र मनु शर्मा ने मॉडल जेसिका लाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी. निचली अदालत से गवाहों के पलटने पर बरी होने के बाद मनु शर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था.
वहीं 1995 में सुशील शर्मा ने अपनी पत्नी नैना साहनी की हत्या कर उसके शव के टुकड़े-टुकड़े करके उसे तंदूर में डाल दिया था. साल 2000 में ट्रायल कोर्ट ने सुशील को इस जघन्य अपराध के लिए फांसी की सजा सुनाई जिसे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इसे आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया.
उल्लेखनीय है कि 1996 में दिल्ली यूनिवर्सिटी में लॉ की छात्रा प्रियदर्शिनी मट्टू की हत्या कर दी गई थी. जिसमें संतोष सिंह का नाम प्रकाश में आया था. लेकिन साक्ष्यों के अभाव में निचली अदालत मे इसे बरी कर दिया था. जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया.