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सीरियल किलर चंद्रकांत झा गिरफ्तार... दिल्ली में किए थे 18 कत्ल, तिहाड़ जेल के आसपास फेंकता था लाश के टुकड़े

दिल्ली पुलिस ने पैरोल जंपर और सीरियल किलर चंद्रकांत झा को गिरफ्तार कर लिया है. उसने तिहाड़ जेल के आसपास 18 हत्या की वारदातों को अंजाम दिया था. साल 2013 में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी. इसके बाद साल 2023 में उसे 90 दिन की पैरोल मिली. पैरोल की अवधि खत्म होने पर जब वह जेल नहीं लौटा तो पुलिस ने केस दर्ज कर तलाश शुरू की थी.

पुलिस की गिरफ्त में आया चंद्रकांत झा. (Photo: Aajtak) पुलिस की गिरफ्त में आया चंद्रकांत झा. (Photo: Aajtak)
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:05 PM IST

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पैरोल जम्पर और सीरियल किलर चंद्रकांत झा को गिरफ्तार कर लिया है. चंद्रकांत ने तिहाड़ जेल के आसपास हत्या की कई वारदातों को अंजाम दिया था. साल 2013 में आजीवन कारावास की सजा होने के बाद उसे साल 2023 में 90 दिन की पैरोल मिली थी, लेकिन वह पैरोल की अवधि पूरी होने पर भी जेल नहीं लौटा. चंद्रकांत झा का क्राइम रिकॉर्ड बेहद खौफनाक रहा है, उसने हत्या के बाद शव के टुकड़े करके तिहाड़ जेल के आसपास फेंके थे.

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बता दें कि चंद्रकांत झा की क्राइम हिस्ट्री बेहद खतरनाक और रहस्यमय रही है. उसने 1998 से 2007 के बीच पश्चिमी दिल्ली में 8 लोगों की हत्या की थी. इस सिलसिले की शुरुआत साल 1998 में हुई थी. चंद्रकांत अपने शिकार से पहले दोस्ती करता था, फिर उन्हें मार डालता. उसने साल 2003 में शेखर और उमेश, 2005 में गुड्डू, 2006 में अमित और 2007 में उपेंद्र और दिलीप की हत्या की. वह बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों से दोस्ती करता था, उन्हें नौकरी दिलाने के बहाने उलझाता था, फिर हत्या कर देता था.

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चंद्रकांत झा ने जो हत्या की वारदातों को अंजाम दिया, उनका तरीका बेहद भयावह था. वह हत्या के बाद शव के टुकड़े करता था, फिर उन्हें तिहाड़ जेल के आसपास फेंक देता था. हर बार शव के पास एक चिट्ठी छोड़ता था, जिसमें लिखा होता था- 'मैंने हत्या की है, पकड़ सको तो पकड़ लो.' यह क्रिमिनल पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया था. चंद्रकांत झा की गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस के लिए बड़ी सफलता है, जो लंबे समय से इस खतरनाक अपराधी की तलाश में थी. चंद्रकांत झा के खौफनाक कृत्य पुलिस के लिए एक चुनौती रहे हैं.

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चंद्रकांत झा को फरवरी 2013 में तीन हत्याओं के मामले में दोषी ठहराया गया. उसे मौत की सजा और आजीवन कारावास की सजा हुई. हालांकि, 2016 में उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था. चंद्रकांत झा के जीवन पर आधारित एक डाक्यूमेंट्री इंडियन प्रीडेटर: द बुचर ऑफ दिल्ली जुलाई 2022 में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी, जो उसकी क्रिमिनल हिस्ट्री को दर्शाती है. इस डाक्यूमेंट्री में दिखा कि वह कितना खतरनाक सीरियल किलर था. चंद्रकांत दिल्ली के साप्ताहिक बाजारों में फेरी लगाने का काम करता था. उसने दो बार शादी की, पहली पत्नी को एक साल के भीतर छोड़ दिया. दूसरी पत्नी से उनकी पांच बेटियां हैं. वह ज्यादातर अपने परिवार से दूर रहता था.

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