Advertisement

कब खुलेगा शाहीन बाग का रास्ता? तीन दिन की वार्ता से भी नहीं बनी कोई बात

पिछले 2 महीने से ज्यादा वक्त से शाहीन बाग में सीएए-एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं इन प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर मुद्दा सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकारों की नियुक्ति की है.

शाहीन बाग में महिलाओं का प्रदर्शन कई दिनों से चल रहा है (फोटो-पीटीआई) शाहीन बाग में महिलाओं का प्रदर्शन कई दिनों से चल रहा है (फोटो-पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 10:38 AM IST

  • शाहीन बाग में वार्ताकारों की बातचीत बेनतीजा
  • लगातार तीन दिन वार्ताकार पहुंचे शाहीन बाग

देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध में प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. वहीं सीएए-एनआरसी पर जारी विरोध के कारण राजधानी दिल्ली में मौजूद शाहीन बाग की पहचान देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में बन गई है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के जरिए नियुक्त किए गए वार्ताकारों की मुलाकात के बाद भी शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी हटने का नाम नहीं ले रहे हैं.

Advertisement

पिछले 2 महीने से ज्यादा वक्त से शाहीन बाग में सीएए-एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं इन प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर मुद्दा सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकारों की नियुक्ति की है. लेकिन लगातार तीन दिन वार्ताकारों से हुई मुलाकात में बात नहीं बन पाई. संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने तीसरे दिन प्रदर्शनकारी महिलाओं से बात की लेकिन रास्ता खोलने और धरना खत्म करने को लेकर शाहीन बाग अब तक अनसुलझा है.

दिल्ली का शाहीन बाग और आसपास का इलाका पिछले करीब 70 दिनों से मानों ठप पड़ चुका है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद 2 वार्ताकार लगातार तीन दिनों तक शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे लेकिन अब तक सब कुछ बेनतीजा ही रहा. तीन दिनों की बातचीत के बाद भी शाहीन बाग का धरना जस का तस है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: शाहीन बाग: तीन दिनों की बातचीत के बाद भी रास्ता खोलने को लेकर नहीं बनी बात, लौटे वार्ताकार

उम्मीद थी कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों और दोनों वार्ताकारों संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन के बीच मुलाकातों की हैट्रिक से शाहीन बाग की गांठ खुलेगी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने फिर कहा कि सरकार CAA, NRC, NPR वापस ले तभी उनका जत्था यहां की सड़क खाली करेगा और धरना खत्म करेगा.

प्रदर्शनकारी अड़े

हालांकि प्रधानमंत्री मोदी कुछ दिनों पहले ही कह चुके हैं कि CAA पर पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है जबकि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी इसे हटाने पर अड़े हुए हैं. वे लगातार सुप्रीम कोर्ट के दखल की बात कह रही हैं. वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने भी समझाया कि कानून को वापस लेना सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है.

यह भी पढ़ें: गौतम गंभीर बोले- सुप्रीम कोर्ट की भी सुनने को तैयार नहीं शाहीन बाग, कैसे होगी बातचीत?

वहीं तीसरे दिन की बातचीत के बाद दोनों वार्ताकारों ने मीडिया से जानकारी साझा की और बताया कि प्रदर्शनकारी एक ओर रास्ता खोलने के लिए तैयार हैं बशर्त की पुलिस पुख्ता आश्वासन दे. दरअसल, शाहीन बाग में असल समस्या रास्ता बंद होने की है. वार्ताकारों ने तीसरे दिन की बातचीत के दौरान दिल्ली पुलिस के अफसरों को भी इसका हिस्सा बनने का न्यौता दिया. हालांकि पुलिस आई भी लेकिन विवाद नहीं सुलझ सका.

Advertisement

24 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

वहीं 24 फरवरी को शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है और दोनों को अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सौंपनी है. उससे पहले अब बड़ी उम्मीद जताई जा रही है कि शाहीन बाग के प्रदर्शन का कुछ हल निकले.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement