Advertisement

शाहीनबाग में क्यों नही हटा अतिक्रमण, क्या है MCD के नियम और कानून, इस रिपोर्ट में जानिए

सोमवार को शाहीन बाग इलाके में अतिक्रमण पर बुलडोजर चलना था, लेकिन नहीं चला. बुलडोजर बिना कार्रवाई किए वापस चला गया. क्या है एमसीडी के अतिक्रमण हटाने को लेकर नियम, जानिए इस रिपोर्ट में

क्या है MCD के नियम और कानून क्या है MCD के नियम और कानून
सुशांत मेहरा
  • नई दिल्ली,
  • 09 मई 2022,
  • अपडेटेड 10:28 PM IST
  • क्या है अतिक्रमण सेक्शन 320, 321, 322
  • विधायक और निगम पार्षद पर होगी कार्रवाई

आज शाहीन बाग इलाके में साउथ दिल्ली नगर निगम का बुलडोजर अतिक्रमण के खिलाफ एक्शन के लिए पहुंचा था, लेकिन बिना कार्रवाई किए वापस चला गया. आखिर नगर निगम का बुलडोजर शाहीन बाग इलाके में क्यों नहीं चला? क्या है एमसीडी के अतिक्रमण हटाने को लेकर नियम और कानून? जानिए

क्या है अतिक्रमण सेक्शन 320, 321, 322
क्या कहता है एमसीडी का सेक्शन 320: सड़कों पर रुकावट पैदा करने वाले ढांचे जैसे कोई शख्स बिना एमसीडी की इजाजत के किसी सड़क पर दीवार, बूथ, कांटेदार जाली, रेलिंग या अन्य ढांचा नहीं बना सकता. शाहीन बाग इलाके में जो सर्वे किया गया था उसमें ज्यादातर दुकानों के बाहर इसी तरीके का अतिक्रमण था, मेयर और अधिकारियों के सर्वे के बाद जिसको ज्यादातर दुकानदारों ने खुद से ही हटा दिया था.

Advertisement

एमसीडी का सेक्शन 321
एमसीडी के इस सेक्शन में गलियों में सामान जमा करने पर बैन है. यानी कोई भी शख्स, एमसीडी की इजाजत लिए बगैर किसी भी सड़क, गली या किसी सार्वजनिक स्थान पर कोई स्टॉल, कुर्सी, बेंच, बॉक्स, कोई ऐसी चीज नहीं लगा सकता जो सड़क पर अतिक्रमण करे.

एमसीडी का सेक्शन 322
इस सेक्शन के तहत अतिक्रमण पर कार्रवाई की जाती है. कमिश्नर किसी नोटिस या बिना इसके भी कोई भी ऐसी चीज, जो रुकावट का कारण है, उसे हटा सकता है.

कमिश्नर अतिक्रमण हटाने का दे सकता है आदेश 
सेक्शन 343: दिल्ली नगर निगम के इस सेक्शन के मुताबिक इस तरीके के अतिक्रमण को हटाने के लिए निगम कमिश्नर संपत्ति के मालिक को कम से कम 5 से 15 दिन का नोटिस देता है, जिसमें उसको खुद इस स्ट्रक्चर को हटाना होता है. अगर वह नहीं हटाता तो उस पर कार्रवाई की जाती है.

Advertisement

संपत्ति पर अतिक्रमण करने पर लगता है जुर्माना
अगर कोई व्यक्ति किसी सरकारी संपत्ति या जमीन पर गैर कनूनी तरीके से अतिक्रमण करता है तो आईपीसी की धारा 441 के लागू होता है. वहीं आईपीसी की धारा 447 के तहत उस शख्स पर सरकारी संपत्ति पर अतिक्रमण करने के चलते 550 रुपये का जुर्माना और 3 महीने की जेल तक लग सकती है.

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर मुकेश सूर्या ने आजतक से खास बातचीत में बताया कि पिछले दिनों जो सर्वे निगम द्वारा किया गया था उसमें 70 फ़ीसदी अतिक्रमण शाहीन बाग इलाके में था. सर्वे के बाद 50  फ़ीसदी अतिक्रमण हटा लिया गया. बाकी के अतिक्रमण को लेकर एक बार फिर से इंटीमेशन दिया है. अगर समय रहते इस अतिक्रमण को नहीं हटाया गया तो एक बार फिर एमसीडी कार्यवाही कर सकती है

विधायक और निगम पार्षद पर होगी कार्रवाई
शाहीन बाग इलाके में अतिक्रमण हटाने गई एमसीडी की टीम को इलाके के विधायक अमानतुल्लाह खान निगम पार्षद वाजिद खान द्वारा रोका गया जिसको लेकर मेयर मुकेश सूर्या ने कमिश्नर को पत्र लिखकर दोनों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने को लेकर FIR करने का आदेश दिया है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement