
पूरे देश में गैर-बीजेपी दलों को साथ लाकर 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में जुटी कांग्रेस अब दिल्ली में भी एकजुट होने के लिए तैयार नजर आ रही है. कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन के सवाल पर कहा है कि अगर पार्टी हाईकमान ऐसा कोई फैसला करता है तो वह इसे स्वीकार करेंगे.
न्यूज एजेंसी एएनआई को दिया गया शीला दीक्षित का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अब तक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने वाले अजय माकन आप से गठबंधन के सवालों और संभावनाओं को सिरे से खारिज करते रहे हैं.
आजतक से शीला दीक्षित की बातचीत
पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि जब गठबंधन होगा तब उसके कोई कारण होंगे, उसकी कोई वजह होगी, उस पर मैं अभी कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती. उन्होंने कहा कि जो आवश्यकताएं होती है उसके अधीन तैयारी की जाती है, वही पार्टी कर रही है.
पूर्व सीएम ने आगे ये भी कहा कि गठबंधन के लिए ना मुझे किसी ने पूछा है और ना मुझे इस बारे में मालूम है. लेकिन अगर आप मेरी राय पूछें तो वो यह है कि कांग्रेस ही सब कुछ अपने आप कर सकती है.
'मैं नहीं, हाईकमान तय करेगा'
गठबंधन होगा तो क्या स्वरूप होगा इस सवाल पर शीला दीक्षित ने कहा, 'अभी गठबंधन नहीं हुआ तो कैसे बता दूं, जब होगा तब तय होगा कि कौन कहां लड़ेगा, कैसे लड़ेगा, कौन सी सीट कौन लड़ेगा. अभी जवाब नहीं दे सकती, पार्टी तय करेगी, हाई कमान तय करेगा.'
उन्होंने ये भी कहा कि यूपी की परिस्थिति अलग है और यहां की अलग है. गठबंधन की बात देश भर में चल रही है, तो अभी जब तक होता नहीं तब तक क्या कहें. पूर्व सीएम ने ये भी कहा कि कार्यकर्ता और आम नेता गठबंधन तय नहीं कर रहे है, ये फैसला हाईकमान करेगा. हालांकि, उन्होंने ये जरूर कहा कि गठबंधन की चर्चा जरूर है लेकिन अभी हुआ नहीं है.
राहुल गांधी पर बढ़ी श्रद्धा
शीला दीक्षित ने राहुल गांधी पर कहा कि वो पूरी तरह तैयार हैं और अगर तैयार नहीं होते तो हाल के चुनाव नहीं जीते होते. शीला दीक्षित ने कहा कि राहुल गांधी के प्रति लोगों में श्रद्धा पैदा हुई है जो कुछ बरस पहले नहीं थी.
माकन की जगह अध्यक्ष बनने पर
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी पर उन्होंने कहा कि अभी ऐसी कोई बात नहीं चल रही है, अभी देश भर में चुनाव हुए हैं, कांग्रेस अध्यक्ष उससे फ्री हुए हैं, वही फैसला करेंगे. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मेरे चुनाव लड़ने पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है और मेरे लिए कोई चीज़ मुश्किल नहीं, जो पार्टी तय करेगी वही करूंगी.
बता दें कि आम आदमी पार्टी की राजनीति का आगाज कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर प्रहार से ही शुरू हुआ था. दिल्ली की राजनीति के लिहाज से दोनों पार्टियां धुर-विरोधी मानी जाती हैं. लोकसभा सीट की बात की जाए तो यहां कुल सात सीटें हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. जबकि उससे पहले विधानसभा चुनाव में एकतरफा नतीजे पाने वाली आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में कोई भी सीट नहीं जीत पाई थी, लेकिन वह कांग्रेस से काफी आगे रही थी.