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Shramik Mitra Yojna: राजधानी दिल्ली (Delhi) में केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) ने श्रमिक मित्र योजना शुरू (Shramik Mitra Yojna Launched By Delhi Government) की है. इन श्रम मित्रों का काम वार्ड लेवल पर कंस्ट्रक्शन बोर्ड द्वारा रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों को मदद पहुंचाना है. इसके लिए आवेदन करवाना और योजना का लाभ मिल जाने तक उनकी हरसंभव सहायता करना होगा. दिल्ली में अबतक लगभग 6 लाख निर्माण श्रमिक निर्माण बोर्ड के साथ रजिस्टर्ड हो चुके है.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने इस योजना के बारे में बताया कि श्रमिकों के लिए सरकार योजनाएं तो बनाती है लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती है. इस योजना का उद्देश्य श्रमिकों को समय पर फायदा पहुंचाना है. उन्होंने कहा इस योजना के तहत 700 से 800 श्रमिक मित्रों को तैयार किया जाएगा. जो डिस्ट्रिक्ट,विधानसभा और वार्ड कोर्डिनेटर के रूप में काम करेंगे. वहीं ये सभी वार्ड में कम से कम 3-4 श्रम मित्र हों जो निर्माण श्रमिकों की सहायता कर सके.
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उपमुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के बच्चों में टैलेंट तो होता है लेकिन वे बड़े सपने देखने से डरते है. दिल्ली सरकार का उद्देश्य है कि वह श्रमिकों को ये भरोसा दिला पाएं कि केजरीवाल सरकार उनके साथ है. आईआईटी जैसे संस्थान बनाने वाला एक श्रमिक का बच्चा भी आईआईटी में पढ़ सकता है. सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी.
दिल्ली सरकार से मिलेगी इतनी सहायता
श्रमिकों को दिल्ली सरकार से मिलने मिलने वाली सहायता के तहत घर निर्माण के लिए 3 लाख से 5 लाख रुपए, मातृत्व लाभ में 30,000 रुपए, टूल खरीदने के लिए 20,000 रुपए का लोन और 5,000 रुपये की सहायता राशि मिलेगी. श्रमिकों के प्राकृतिक मृत्यु पर 1 लाख और दुर्घटना मृत्यु पर 2 लाख की सहायता राशि मिलेगी.
अपंग होने पर पर 1 लाख की सहायता राशि और 3000 रुपये प्रतिमाह पेंशन, बच्चों की स्कूली शिक्षा व उच्च शिक्षा के लिए 500 से 10,000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे. श्रमिकों व उनके बच्चों के विवाह के लिए 35,000 से 51,000 रुपये की सहायता राशि, मेडिकल सहायता के के लिए 2000 रूपये, वृद्धावस्था पेंशन के रूप में 3,000 रुपये प्रतिमाह(हर साल 300 रुपये की वृद्धि) की सहायता राशि दी जाती है.
बढ़ा मजदूरों का न्यूनतम वेतन, नई दरें 1 अक्टूबर से जारी
दिल्ली सरकार ने अकुशल, अर्द्धकुशल और अन्य श्रमिकों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी किया है. इस वृद्धि के बाद, अकुशल श्रमिकों का मासिक वेतन ₹15,908 से बढ़कर ₹16,064, अर्द्ध-कुशल श्रमिकों का मासिक वेतन भी ₹17,537 से बढ़कर ₹17,693 हो गया है. वहीं कुशल श्रमिकों का मासिक वेतन 19,291 रुपए से बढ़ाकर 19473 रुपए किया गया है.
इसके अलावा सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग के कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी की दर बढ़ाई गई है. इनमें गैर मैट्रिक कर्मचारियों का मासिक वेतन 17,537 से बढ़ाकर 17,693 रुपये, मैट्रिक लेकिन गैर स्नातक कर्मचारियों का मासिक वेतन 19,291 से बढ़ाकर 19,473 रुपए हो गया है. वहीं स्नातक और इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले मजदूरों का मासिक वेतन 20,976 से बढ़ाकर 21,184 रुपये कर दिया गया है. इसकी नई दरें 1 अक्टूबर से जारी होंगी.