
राजधानी दिल्ली में बना सिग्नेचर ब्रिज अपनी खूबसूरती के अलावा इस पर हो रही राजनीति की वजह से भी चर्चा में बना हुआ है. रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसका उद्घाटन किया. लेकिन मौके पर बिन बुलाए मेहमान की तरह पहुंचे बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के साथ आप विधायक के द्वारा की गई बदसलूकी ने उद्घाटन का मजा खराब कर दिया.
इस जंग के इतर सिग्नेचर ब्रिज पर क्रेडिट वॉर भी शुरू हुई है. और इस वॉर में कांग्रेस पार्टी भी कूद पड़ी है. दिल्ली कांग्रेस ने AAP सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कार्यक्रम में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को भी बुलाना चाहिए था, क्योंकि वह ही इस ब्रिज की असली वास्तुकार थीं.
अजय माकन ने कहा कि इस ब्रिज का रोडमैप शीला दीक्षित के कार्यकाल में ही तैयार हुआ था, केजरीवाल सरकार अभी तक उन्हीं कामों को पूरा कर श्रेय ले रही है.
बता दें कि इस पुल को पूरा होने में 14 साल लग गए. शुरू में 1.8 किलोमीटर के इस पुलको बनाने की कीमत 265 रुपये करोड़ थी, लेकिन 6 डेडलाइन मिस होने के बाद ये खर्च बढ़कर 1518 करोड़ हुआ.
रविवार को इसका उद्घाटन किया गया, लेकिन AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने बीजेपी सांसद मनोज तिवारी को मंच पर चढ़ने से रोका और उन्हें धक्का दिया. इसी बात को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी आमने सामने हैं. तिवारी ने आप विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है.