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अभी कोरोना वैक्सीन नहीं लेना चाहते हेल्थ वर्कर्स? जानें, टीकाकरण पर क्या बोले दिल्ली के स्वास्थ्यकर्मी

दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के एडमिन विभाग में काम करने वाले हेल्थकेयर वर्कर नाहीद अशर को वैक्सीन लगवाने के लिए को-विन डिजिटल प्लेटफॉर्म में रजिस्ट्रेशन के मुताबिक कॉल आया था. लेकिन नाहीद ने वैक्सीन नहीं लगवाने का फैसला किया.

कोरोना टीकाकरण (सांकेतिक) कोरोना टीकाकरण (सांकेतिक)
पंकज जैन
  • नई दिल्ली ,
  • 20 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 7:58 PM IST
  • दिल्ली में कोरोना टीकाकरण की धीमी शुरुआत
  • हेल्थ वर्कर्स में कोरोना वैक्सीन को लेकर शंकाएं
  • कई लोगों ने वैक्सीन लगवाने से किया मना

देश में कोरोना टीकाकरण (वैक्सीनेशन) अभियान की शुरुआत हो चुकी है. हालांकि, वैक्सीन को लेकर अभी लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं. दिल्ली में वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरुआत धीमी रही, जिसे लेकर 'आजतक' ने कुछ हेल्थकेयर वर्कर्स से बातचीत की. जिसमें सामने आया कि वैक्सीनेशन ड्राइव की धीमी शुरुआत की एक वज़ह हेल्थकेयर वर्कर्स के मन में वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवाल और डर है. कुछ को पिछले दिनों वैक्सीन लगवाने के लिए बुलाया गया लेकिन वो वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते. 

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दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के एडमिन विभाग में काम करने वाले हेल्थकेयर वर्कर नाहीद अशर को वैक्सीन लगवाने के लिए को-विन डिजिटल प्लेटफॉर्म में रजिस्ट्रेशन के मुताबिक कॉल आया था. लेकिन नाहीद ने वैक्सीन नहीं लगवाने के फैसला किया. नाहीद ने वैक्सीन न लगवाने की वजह बताते हुए कहा कि वो वैक्सीनेशन ड्राइव से पहले वैक्सीन लगवाने को तैयार थे, लेकिन अलग-अलग राज्यों से आई वैक्सीन की नेगेटिव ख़बरों की वजह से डर गए. 

नाहीद ने कहा, "इस वैक्सीन के कहीं न कहीं साइड इफेक्ट होंगे, वो ज़रूरी नहीं की सभी को हो. अगर मेरे साथ कोई गड़बड़ी हो जाती है तो मेरे परिवार को दिक्कत झेलनी पड़ेगी. थोड़ा इंतज़ार करने के बाद वैक्सीन तब लगवाऊंगा, जब वैक्सीन के अच्छे रिजल्ट आएंगे."

वहीं, दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की हेल्थकेयर वर्कर मोना का कहना है कि वैक्सीन लगवाने को लेकर उनके मन में कई सवाल हैं. मोना ने कहा, "मैंने काफी लोगों से सुना है कि जिन्हें इंफेक्शन या चोट है वो वैक्सीन न लगवाएं. मेरा सवाल यही है कि अगर किसी की बॉडी में स्पाइन इंजरी है तो क्या ऐसी बॉडी वैक्सीन के लिए सेफ है? मुझे इस बात का बहुत डर था कि भविष्य में मेरी बॉडी में किसी तरह का इंफेक्शन तो नहीं पनप जाएगा." हालांकि हेल्थकेयर वर्कर मोना का मानना है कि कॉउंसलिंग से मिले जवाबो के बाद वो वैक्सीन लगवाएंगी.

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उधर, हेल्थकेयर वर्कर्स की लिस्ट में शामिल 25 साल के युवा सुशांत कुमार को भी वैक्सीन को लेकर काफी शंकाए हैं. सुशांत ने कहा, "वैक्सीन को लेकर मन में डर है कि कहीं साइड इफेक्ट न हो जाये. वैक्सीन लगवाना चाहते हैं, लेकिन इसके बारे में सोच रहे हैं क्योंकि वैक्सीन को लेकर मन में डर है. मन में सवाल है कि वैक्सीन लगवाने के बाद भविष्य में कोई दिक्कत तो नहीं होगी."

दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्टर हो चुके विनय प्रकाश कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. विनय प्रकाश ने मन में उमड़ रहे सवालों के बारे बताते हुए कहा, "सरकार का लिखित में कंसेंट देना चाहिए कि वैक्सीन 100% सेफ है. जबकि वैक्सीन लगवाने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स कंसेंट दे रहे हैं कि हम वैक्सीन अपनी मर्जी से लगवा रहे हैं. ऐसा करने से वैक्सीन लगवाने वालों का मनोबल बढ़ेगा और ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीनेशन लगवाएंगे. लोगों में डर है कि वैक्सीन लगवाने के बाद लोग मर सकते हैं. ऐसे में सरकार को वैक्सीन के सेफ होने का कंसेंट देना चाहिए." हालांकि विनय प्रकाश का मानना है कि वैक्सीन देश हित के लिए लगवाना ज़रूरी है.

दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की एक लैब में कार्यरत एक और हेल्थ केयर वर्कर गणेशदत्त जोशी को वैक्सीन लगवाने को लेकर एक अलग तरह की शंका है. जोशी का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति को किसी खास ड्रग से एलर्जी होती है तो ऐसी स्थिति में सरकार को एक ऐसी लिस्ट जारी करना चाहिए. लिस्ट में किसी भी ड्रग से एलर्जी वालों को वैक्सीन नहीं लगवानी है या फिर वैक्सीनेशन साइट पर वैक्सीन लगवाने से पहले एक डॉक्टर का काउंटर होना चाहिए, जहां अपने सवाल पूछ सकें. दरअसल, मैं वैक्सीन लगवाने गया था लेकिन वहां जब मैंने बताया कि मुझे पेरासिटामोल से एलर्जी है तो डॉक्टर को पता ही नहीं था कि मुझे वैक्सीन लगाना चाहिए या नहीं, इसलिए मैंने वैक्सीन लगवाने से मना कर दिया.

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दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के ही असिस्टेंट परचेस ऑफिसर विपिन कुमार ने वैक्सीन के सेफ्टी डेटा को लेकर अपनी शंका ज़ाहिर की है. विपिन ने कहा, "मीडिया रिपोर्ट्स में वैक्सीन के साइड इफेक्ट के बारे में बताया जा रहा है कि लोगों को उल्टी हो रही है या फीवर आ रहा है. कोरोना की वजह से लोगों की इम्युनिटी पहले ही डाउन है, तो मन में सवाल है कि क्या वैक्सीन लगवाना सेफ है? वैक्सीन लगने के बाद मौत की अफवाहों से ज्यादा डर बढ़ गया है. हालांकि, वैक्सीन कोरोना से बचाव के लिए ही है लेकिन सेफ्टी डेटा जनता के बीच नहीं रखा जा रहा है कि वैक्सीन 100% सेफ है.

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