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कालिंदी कॉलेज में अर्थशास्त्र की विभागाध्यक्ष रहीं डॉ. सत्या जांगिड का 26 अगस्त को दोपहर 2 बजे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह 77 वर्ष की थीं. शिक्षा और समाज सेवा में तत्पर रहने वाली डॉ. सत्या काफी समय से बीमार चल रही थीं. कालिंदी कॉलेज में अपने सेवाकाल के 33 वर्षों में वह एक दिन भी अनुपस्थित नहीं रहीं.
समाज सेवा के प्रति भी प्रतिबद्ध रहीं
भारतीय जन संचार संस्थान में हिंदी पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष रहे उनके पति डॉ. रामजीलाल जांगिड ने कहा कि डॉ. सत्या एक शिक्षक के तौर पर जितना लोकप्रिय थीं उतना ही समाजसेवा के लिए भी प्रतिबद्ध थीं. एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सराय रोहिल्ला और आनंद पर्वत में उन्हीं के प्रयासों से पुल का निर्माण संभव हो पाया. पहले रेलवे फाटक होने के कारण वहां लोगों को काफी परेशानी होती थी. डॉ. सत्या ने सितंबर, 1970 में भारत सरकार की पत्रिका योजना में एक लेख लिखा जिसमें यह बताया गया था कि इस फाटक के कारण प्रति घंटे तकरीबन एक करोड़ रुपये का देश को नुकसान हो रहा है. साथ ही इस मसले पर संसद में भी सवाल उठाया गया और अंतत: सराय रोहिल्ला एवं आनंद पर्वत में पुल का निर्माण हुआ.
सुबह 11 बजे होगा अंतिम संस्कार
डॉ. जागिड ने बताया कि डॉ. सत्या के प्रयास से ही दिल्ली विश्वविद्यालय का पहला नारी विकास केंद्र कालिंदी कॉलेज में स्थापित किया गया. उन्होंने स्त्री अधिकारों पर केंद्रित नारी विकास पत्रिका शुरू की और कॉलेज के नजदीक हरिजन बस्ती में मुफ्त कानूनी सहायता शुरू करवाई. उनके प्रयासों से ही दिल्ली विश्वविद्यालय का पहला रोजगार प्रशिक्षण केंद्र अस्तित्व में आया था. डॉ. सत्या जांगिड का अंतिम संस्कार पंजाबी बाग मुक्तिधाम में 27 अगस्त की सुबह 11 बजे होगा.