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साउथ दिल्ली में जब्त सामान पर जुर्माने की रकम बढ़ी

साउथ एमसीडी ने जब्त सामान पर जुर्माने की रकम को बढ़ा दिया है. हॉकर को पहले जहां 300 रुपये देने होते थे, वहां अब उसे 600 रुपये देने होंगे. वहीं दुकानदारों को अपना जब्त सामान छुड़वाने के लिए पहले जहां 600 रुपये देने होते थे, वहां अब 1 हज़ार रुपये देने होंगे.

सांकेतिक फोटो सांकेतिक फोटो

पूरी दिल्ली में इन दिनों अतिक्रमण विरोधी मुहिम चल रही है. इस दौरान बड़ी संख्या में सामान को भी जब्त किया जा रहा है, लेकिन अब साउथ दिल्ली में यदि दुकानदार या रेहड़ी वाले अपना जब्त सामान छुड़वाने गए तो उनको मोटी रकम चुकानी पड़ेगी.

जी हां, साउथ एमसीडी ने जब्त सामान पर जुर्माने की रकम को बढ़ा दिया है. हॉकर को पहले जहां 300 रुपये देने होते थे, वहां अब उसे 600 रुपये देने होंगे. वहीं दुकानदारों को अपना जब्त सामान छुड़वाने के लिए पहले जहां 600 रुपये देने होते थे, वहां अब 1 हज़ार रुपये देने होंगे. इसके अलावा वाहनों के लिए ये रकम जहां पहले 3750 थी, उसे बढ़ाकर अब 10 हज़ार रुपये कर दिया गया है. बगैर लाइसेंस की रेहड़ी के लिए जहां पहले 1225 रुपये की राशि ली जाती थी, उसे अब बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है. जूस की रेहड़ी जब्त होने पर पहले 1500 रुपये की राशि चुकानी होती थी, लेकिन इसके लिये अब 3 हज़ार रुपये देने होंगे. वाटर ट्रॉली के लिए 7500 रुपये के जुर्माने को बढ़ाकर अब 15 हज़ार रुपये कर दिया गया है.

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इसके अलावा किलो के हिसाब से जब्त किए जाने वाले सामान के जुर्माना राशि में भी बढ़ोतरी की गई है. 40 किलो तक के सामान के लिए पहले 150 रुपये चुकाने होते थे तो वहीं अब इसके लिए 300 रुपये चुकाने होंगे. 100 किलो तक के सामान के लिए 300 की जगह अब 800 रुपये चुकाने होंगेय. इसके अलावा 500 किलो तक के सामान के लिए पहले 450 रुपये देने होते थे जिसे बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया गया है. 500 किलो से ज्यादा वज़न होने पर पहले 750 रुपये देने होते थे जिसे बढ़ाकर 2 हज़ार रुपये कर दिया गया है.

बढ़ी दरों से स्थायी समिति असंतुष्ट

जुर्माने की राशि से स्थायी समिति अध्यक्ष शिखा राय सहमत नहीं है. दरअसल जुर्माने की राशि में कुछ दिनों पहले भी 5 गुणा बढ़ोतरी की गई थी, जिसकी जानकारी ना तो स्थायी समिति को थी ना नेता सदन और ना ही मेयर को. जुर्माने की राशि बढ़ने की जानकारी मिलते ही उस पर एमसीडी नेताओं ने रोक लगवा कर प्रस्ताव पहले स्थायी समिति में लाने को कहा था जिसके बाद कुछ दिन पहले बढ़ायी दरों को कम कर शुक्रवार को स्थायी समिति में पेश किया गया.

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आपको बता दें कि कुछ दिन पहले जुर्माने की राशि शुक्रवार को लागू दरों से करीब 60 से 80 फीसदी ज्यादा थी जिसे स्थायी समिति अध्यक्ष और नेता सदन की नाराजगी के बाद कम किया गया है. स्थायी समिति अध्यक्ष शिखा राय ने बताया कि हॉकर और सड़क पर बैठकर सामान बेचने वालों पर जुर्माने की दर 1500 रुपये से कम करके 600 रूपये की गई है. इसी तरह दुकानदारों पर यह दर 3000 रुपये से कम करके 1000 रुपये कर दी गई है. ट्रांसपोर्ट कंपनियों, टिंबर व्यापारियों और भारी मशीन विक्रेताओं पर 15,000 रुपये का जुर्माना घटाकर 10000 रुपये कर दिया गया है. इसके वाहनों की वर्कशॉप पर जुर्माना 7500 रुपये घटा कर 3000 रुपये किया गया है. बगैर लाइसेंस की रेहड़ी जब्त करने पर कुछ दिन पहले 6000 रुपये का जुर्माना लगता था जिसे कम करके 2500  किया गया है. इसी तरह जूस कॉर्नर पर 7500 रुपये के स्थान पर अब 3000 रुपये जुर्माना लगेगा. वाटर ट्रॉली को जब्त करने पर 20000 रुपये का जुर्माना किया गया था जिसे घटाकर 15000 रुपये किया गया है. स्थायी समिति अध्यक्ष शिखा राय के मुताबिक जुर्माने की नई दरें तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गयी हैं.

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