
साउथ एमसीडी ने स्कूलों के ऊपर सोलर एनर्जी बना कर तीन महीनों में 9 लाख 69 हजार रुपए की कमाई की है. इसके साथ ही साउथ एमसीडी सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन करने वाला देश का पहला नगर निगम भी बन गया है. दरअसल साउथ एमसीडी के 55 भवनों पर लगे सोलर पैनल से 2500 किलोवॉट बिजली का उत्पादन हुआ जिसे निगम ने पहले अपने स्कूलों में बिजली दी और उसके बाद बची हुई बिजली BSES को देकर 9 लाख 69 हज़ार रुपए भी कमा लिए.
इस कमाई का चेक साउथ एमसीडी कमिश्नर पुनीत कुमार गोयल को खुद बीएसईएस के सीईओ अमल सिन्हा ने सौंपा. आपको बता दें कि साउथ एमसीडी के जिन 55 इमारतों पर सोलर पैनल लगाए गए हैं उनमें 54 स्कूल और 1 कम्यूनिटी सेंटर है. सोलर पैनल लगने से इन सभी स्कूलों का बिजली का बिल जीरो हो गया है.
कमिश्नर पुनीत गोयल ने बताया कि SDMC के सोलर पैनल के जरिए 3 लाख 14 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ. इसमें से 1 लाख 14 हजार यूनिट बिजली की इन 55 भवनों में खपत की गई और बची हुई 2 लाख यूनिट बिजली बीएसईएस को दी गई. कमिश्नर ने बताया कि इससे निगम को दोहरा फायदा हुआ है. एक तरफ बिजली बिल का भुगतान नहीं करना पड़ा और दूसरी तरफ अतिरिक्त बिजली बीएसईएस को देने से 9 लाख 69 हजार रुपए की आमदनी हुई.
कमिश्नर पुनीत गोयल के मुताबिक, 55 भवनों पर सोलर पैनल लगाने पर 17 करोड़ रुपए की लागत आयी थी, लेकिन निगम को 5 करोड़ रूपए की प्रोत्साहन राशि मिली जिससे सोलर पैनल लगाने की लागत घटकर 12 करोड़ रुपये रह गयी. कमिश्नर के मुताबिक निगम की इस साल जून अंत तक साउथ एमसीडी की 111 इमारतों की छत पर सोलर पैनल लगाने की योजना है. इसके अलावा अगले साल जून तक सभी 400 इमारतों में सोलर पैनल लगाने की भी योजना है. कमिश्नर ने बताया कि सोलर पैनल 25 साल तक बिजली का उत्पादन करते हैं और इन्हें लगाने की लागत 5 साल में वापस आ जाती है.