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जिसको देखकर आप नाक बंद कर लेते हैं, उसी से गैस बनाएगी एमसीडी

साउथ एमसीडी नजफगढ़ ज़ोन के गोयला डेयरी में बायोगैस प्लांट बनाने जा रही है. निगम के मुताबिक लगभग 150 मीट्रिक टन क्षमता वाले इस बायोगैस प्लांट से बिजली बनाई जा सकेगी. वहीं साउथ दिल्ली में काफी हद तक जहां-तहां पड़े गोबर की समस्या से भी निजात मिल जाएगी.

जहां-तहां पड़े गोबर की बदबू से मिलेगी निजात जहां-तहां पड़े गोबर की बदबू से मिलेगी निजात
रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 2:35 AM IST

साउथ एमसीडी नजफगढ़ ज़ोन के गोयला डेयरी में बायोगैस प्लांट बनाने जा रही है. निगम के मुताबिक लगभग 150 मीट्रिक टन क्षमता वाले इस बायोगैस प्लांट से बिजली बनाई जा सकेगी. वहीं साउथ दिल्ली में काफी हद तक जहां-तहां पड़े गोबर की समस्या से भी निजात मिल जाएगी.

साउथ दिल्ली में तीन बड़ी डेयरी है. गोयला, नंगली डेयरीभर और ककरोला. एमसीडी के मुताबिक इन तीनों डेयरियों से रोजाना लगभग 368 मीट्रिक टन गोबर निकलता है.

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दरअसल एमसीडी को ये शिकायत लंबे समय से मिल रही थी कि डेयरी वाले इलाकों की नालियों में गोबर जाने से नालियां बंद हो चुकी हैं. कई जगहों पर सीवेज लाइन तक खराब हो रही हैं. जिसको देखते हुए एमसीडी ने ये फैसला किया है.

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