
क्या दिल्ली में आवारा पशुओं को रखने के लिए अब जगह कम पड़नी शुरू हो गयी है? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि अब एमसीडी नेता सरकार से आवारा पशुओं को रखने के लिए अतिरिक्त ज़मीन की मांग कर रहे हैं.
नॉर्थ एमसीडी में स्थायी समिति अध्यक्ष तिलकराज कटारिया ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मांग की है कि वो दिल्ली विकास प्राधिकरण के ज़रिए आवरा पशुओं को रखने के लिए जमीन उपलब्ध कराएं ताकि नयी गोशाला बनाने के लिए इच्छुक गैर सरकारी संस्थाओं को भूमि आवंटन की जा सके और आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या को नई गोशालाओं में भेजकर सड़कों पर इनसे होने वाली समस्या पर काबू पाया जा सके.
इसके अलावा तिलकराज कटारिया ने मांग की है कि अवारा पशुओं को पकड़ने के लिए ट्रकों और स्टाफ के लिए एमसीडी को दिल्ली सरकार अलग से राशि उपलब्ध कराए.
कटारिया ने कहा कि वर्तमान गोशालाएं इन दिनों जगह की कमी के चलते अवारा पशुओं को लेने से इंकार कर रहीं हैं. इस कारण बीमार, बूढ़ी, दूध न देने वाली और अपंग गायों की सड़क पर संख्या तेजी से बढ़ रही है . कटारिया ने कहा कि गोशालाओं द्वारा अवारा पशुओं को ना लेने के कारण बीते महीने यानी अप्रैल से एमसीडी अवारा पशुओं को पकड़ने के अभियान को पूरी तरह से चला नहीं पा रही है जबकि नार्थ एमसीडी पिछले 2 सालों से लगभग 4500 अवारा पशुओं को हर साल पकड़ रही थी.
कटारिया ने दिल्ली सरकार से भी गायों के लिए विशेष शेल्टर बनाने की अपील की है जहां पशुओं के लिए चारे और वेटेनरी डॉक्टर की सुविधा उपलब्ध हो. इसके अलावा एमसीडी ने गोपालकों से भी अपील की है कि वो अपनी गाय और अन्य आवारा पशुओं को सड़को पर ना छोड़े क्योंकि इससे दुर्घटनाएं होने की आशंका रहती है.