
बसंत कुंज घटना के बाद आवारा कुत्तों से निजात दिलाने के लिए प्लान बनाने में जुटी दिल्ली की मेयर शैली ओबरॉय ने कहा कि एमसीडी की पिछली सरकारों ने दिल्लीवासियों को आवारा जानवरों से राहत दिलाने के लिए काम करना तो दूर, जनगणना भी नहीं करवाई.
वहीं, दिल्ली में डॉग स्टेरलिज़ैशन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए योजना में आरडब्ल्यूए और डॉग लवर को शामिल किया जाएगा. दिल्ली की मेयर शैली ओबरॉय ने सिविक सेंटर में गुरुवार को शहर में आवारा जानवरों के मुद्दे पर अहम बैठक की. मेयर ने कहा कि वह वसंत कुंज की घटना से चिंतित हैं. उन्हें जैसे ही इस घटना के बारे में पता चला उन्होंने अधिकारियों की एक आपात बैठक बुलाई. इसके बाद उन्होंने स्ट्रीट डॉग्स के स्टेरलिज़ैशन के लिए आज एनजीओ से भी मुलाकात की है, जो कि एमसीडी से जुड़े हुए हैं.
बैठकों के दौरान गैर-सरकारी संगठनों के लिए बुनियादी ढांचे की कमी सहित वर्तमान प्रणाली में कई खामियां सामने आयी हैं. दिल्ली में लगभग 6 लाख आवारा कुत्ते हैं. पिछले 7-8 वर्षों में कोई जनगणना नहीं की गई है. इसके अलावा स्टेरलिज़ैशन के लिए ठोस इंतजाम नहीं किए गए. वर्तमान में शहर में 20 स्टेरलिज़ैशन केंद्र हैं, जिनमें से 16 कार्यरत हैं. स्टेरलिज़ैशन कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए काम किया जाएगा.
मेयर ने अधिकारियों को स्टेरलिज़ैशन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए आरडब्ल्यूए, डॉग लवर को शामिल करने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि शहर में स्ट्रीट डॉग्स की अच्छी देखभाल सुनिश्चित करने के साथ लोगों को उस समस्या से निजात दिलायी जाएगी.
वहीं, वसंत कुंज घटना को लेकर मेयर ने बताया कि बच्चों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का अभी इंतजार है. अभी तक यह पुष्टि नहीं हुई है कि घटना आवारा कुत्तों के कारण या किसी अन्य कारणों से हुई है.