
दिल्ली में सीलिंग मामले को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई. सुनवाई में शामिल होने के लिए दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी भी पहुंचे. कोर्ट में मनोज तिवारी के वकील ने कहा कि 1000 प्रॉपर्टी ऐसी हैं, जहां सीलिंग की जरूरत है. इस पर कोर्ट ने कहा, 'आप लिस्ट लेकर आइए, आपको सीलिंग अफसर बना देते हैं.'
सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के बाद 'आजतक' से बातचीत में सांसद मनोज तिवारी ने कहा, 'मैं आज बहुत प्रसन्न हूं कि दिल्ली में जो पिक एंड चूज सीलिंग हो रही है उस पर कोर्ट ने हमारा पक्ष सुना है.' उन्होंने कहा, 'मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा करवाई जा रही सीलिंग के कारण दिल्ली में हर आदमी भय के वातावरण में जी रहा है, यह बात हमने आज सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखी. हमारे उस दर्द को माननीय न्यायालय ने स्वीकार कर लिया और कहा कि आप उसे हलफनामे में लिख कर लाओ.'
सांसद तिवारी ने कहा, 'मुझे बड़ी खुशी हुई कम से कम उस दर्द को माननीय न्यायालय ने समझा तो है क्योंकि मॉनिटरिंग कमेटी की पिक एंड चूज सीलिंग के कारण लाखों दिल्ली वासी परेशान हैं. मैं बहुत दर्द में हूं क्योंकि गरीब के घर को सील किया जा रहा है उसकी रोजी रोटी के पेशे को सील किया जा रहा है.'
तिवारी ने कहा कि मॉनेटरिंग कमेटी की मनमानी से हम लड़ रहे हैं. कोर्ट ने जो हमें जवाब देने का मौका दिया है वो हम करेंगे और दिल्ली को न्याय मिलेगा.
अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने तिवारी से एक हफ्ते के अंदर हलफनामा दायर करने को कहा. मामले की अगली सुनवाई अब 3 अक्टूबर को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने तिवारी को हाजिर होने को कहा था और 16 सितंबर को गोकुलपुरी में सीलिंग तोड़ने के मामले में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था.
जिरह के दौरान तिवारी के वकील विकास सिंह ने कहा कि मॉनिटरिंग कमेटी पब्लिसिटी के लिए मनमानी सीलिंग कर रही है. हजारों जगह गलत सीलिंग हुई हुई है. इस पर कोर्ट ने कहा कि सवाल सिर्फ सील तोड़ने का ही नहीं है. आप तीन दिन में हलफनामा देकर बताएं कि कहां हजारों सीलिंग गलत हुई हैं. कोर्ट ने कहा कि मनोज तिवारी यहां हैं, लिहाजा ज्यादा अग्रेसिव होने की जरूरत नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'मिस्टर तिवारी हमने आपके भाषण की सीडी देखी है. आपने कहा कि 1000 जगह मनमानी सीलिंग हुई है. आप बताइए ये कौन सी जगह हैं. हम आपको सीलिंग अफसर नियुक्त कर देंगे. आप कानून अपने हाथ में नहीं ले सकते.'
इस पर मनोज तिवारी के वकील ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का दुरुपयोग हो रहा है, जो जगह सील हुई है वो डेयरी थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तिवारी सीडी देखें और एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल कर जवाब दें.
इससे पहले जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने तिवारी को 25 सितंबर को पेश होने का निर्देश दिया था.
घटना गोकुलपुरी इलाके की है जहां मनोज तिवारी पर सील किए गए एक परिसर का ताला तोड़ने का आरोप है. इस मामले में तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी है. उत्तर पूर्वी दिल्ली में स्थित यह संपत्ति सील की गई थी क्योंकि इसमें दिल्ली के मास्टर प्लान का कथित रूप से उल्लंघन करके डेयरी चलाई जा रही थी.