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राष्ट्रीय राजधानी में कूड़ा प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. जस्टिस मदन भीमराव लोकुर की पीठ ने कहा कि पूरी दिल्ली कूड़े के 'टाइम बम' पर बैठी हुई है. लेकिन सरकार इस दिशा में प्रभावी कदम नहीं उठा रही है.
कोर्ट ने कहा कि इस बाबत कोर्ट की ओर से कई निर्देश, आदेश और दिशानिर्देश देने के बावजूद सरकार खुद कुछ करने के बजाय ठीकरा दूसरों पर ही फोड़ रही है. ये रवैया दिल्ली के लोगों के साथ गंभीर अन्याय है.
नाराज कोर्ट ने ये तक कहा कि यही कूड़ा दिल्ली में सब बीमारियों की जड़ है. कोर्ट ने कूड़ा प्रबंधन पर पेश रिपोर्ट पर सवाल भी उठाए. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अपनी रिपोर्ट में ये नहीं बताया कि इससे निपटने के लिए क्या प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं?
कोर्ट ने आदेश के बावजूद सरकारी बाबुओं को उनके गैरजिम्मेदाराना रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस संबंध में 12 जनवरी को अफसरों की मीटिंग हुई, नौ फरवरी को कोर्ट से वक्त मांगा गया और इस कवायद के बावजूद फिर पुरानी दलील ही दाखिल कर दी गई. ये तो लापरवाही की हद है.
कोर्ट ने प्रभावी कदम बताने के लिए दिल्ली सरकार को चार हफ्ते का वक्त देने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि 19 मार्च को अगली सुनवाई होगी. इससे पहले दिल्ली सरकार रिपोर्ट दाखिल करे और इसमें कोई चालाकी या लापरवाही नहीं हो इसका भी ध्यान रहे.