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डेंगू, चिकनगुनिया पर एलजी लें मीटिंग: सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को मीटिंग बुलाने को कहा है. बुधवार को होने वाली इस मीटिंग में सीएम अरविंद केजरीवाल, स्वास्थ्य मंत्री, तीनों नगर निगमों के कमिश्नर, एनडीएमसी चेयरमैन, दिल्ली कैंट बोर्ड और रेलवे के अधिकारी हिस्सा लेंगे.

डेंगू, चिकनगुनिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख डेंगू, चिकनगुनिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 5:57 PM IST

दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को मीटिंग बुलाने को कहा है. बुधवार को होने वाली इस मीटिंग में सीएम अरविंद केजरीवाल, स्वास्थ्य मंत्री, तीनों नगर निगमों के कमिश्नर, एनडीएमसी चेयरमैन, दिल्ली कैंट बोर्ड और रेलवे के अधिकारी हिस्सा लेंगे.

इस मामले में दूसरों पर आरोप लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक बार फिर दिल्ली सरकार की खिंचाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा, "क्या हम ये बयान दर्ज कर लें कि दिल्ली की स्थिति सुधारने के लिए आप कुछ नहीं कर सकते?"

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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से 25 हज़ार का जुर्माना हटाने से भी मना कर दिया. डेंगू-चिकनगुनिया के फैलाव पर हलफनामा न दाखिल करने के चलते सोमवार को कोर्ट ने ये जुर्माना लगाया था.

सत्येंद्र जैन की तरफ से दाखिल हलफनामे में एलजी और स्वास्थ्य सचिव चंद्राकर भारती पर सहयोग न करने का आरोप लगाया गया. लेकिन कोर्ट ने इस दलील को सिरे से खारिज कर दिया. कहा- "आपने खुद ही मान लिया कि स्वास्थ्य सचिव सहयोग नहीं करेंगे. हलफनामा भी मंत्री ने दाखिल कर दिया."

कोर्ट ने पूछा- "दूसरों पर आरोप लगाने की बजाय आप 5 कदम बताएं, जो आप उठाने वाले हैं?" आधी-अधूरी तैयारी के साथ कोर्ट आई दिल्ली सरकार के वकील चंद्र उदय सिंह गोल-मोल जवाब देते रहे. 2 जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस मदन बी लोकुर ने उन्हें बार-बार रोका और अपना सवाल दोहराया. आखिरकार, दिल्ली सरकार के वकील ने कुछ कदमों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने 300 फॉगिंग मशीन किराए पर ली है. छिड़काव कराया जा रहा है.

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इसके बाद उन्होंने नए हलफनामे का एक हिस्सा पढ़ा. इसमें बुखार के मरीजों के लिए 3 हस्पतालों में 1 हज़ार बिस्तर बढ़ाने की बात की गई थी. जस्टिस लोकुर ने इस पर कई सवाल किए. आखिरकार, दिल्ली के वकील ने माना कि बिस्तर बढ़ाए नहीं गए हैं. अस्पतालों में मौजूद 10 हज़ार बिस्तरों में से 1 हज़ार बिस्तर बुखार के मरीजों के लिए आरक्षित रखे गए हैं.

दिल्ली सरकार ने कहा कि अभी तक 107 मोहल्ला क्लिनिक खोले गए हैं. दिसंबर तक इसे 1 हज़ार कर दिया जाएगा. कोर्ट ने हैरत जताई कि सरकार इतनी जल्दी 1 हज़ार डॉक्टरों का इंतज़ाम कर लेगी. इस मामले में कोर्ट के सलाहकार बनाए गए वकील कॉलिन गोंजालविज़ ने केंद्र, राज्य और नगर निगम के अधिकारियों की बैठक का भी सुझाव दिया. कोर्ट ने इसे मान लिया. सुप्रीम कोर्ट अब गुरुवार को इस मामले पर दुबारा सुनवाई करेगा.

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