
सुप्रीम कोर्ट ने मैरिटल रेप के खिलाफ दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि इस मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में चल रही है, ऐसे में आप हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएं. याचिकाकार्ता ने अपनी याचिका के जरिए मैरिटल रेप को सभी व्यक्तिगत कानूनों और विशेष विवाह अधिनियम के तहत तलाक के आधार के रूप में शामिल करने की मांग की है.
मैरिटल रेप को अपराध की श्रेणी में लाने की याचिका पर पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. मैरिटल रेप यानी वैवाहिक बलात्कार कानून की नज़र में अपराध नहीं है. यानी अगर पति अपनी पत्नी की मर्जी के बिना उससे जबरन शारीरिक संबंध बनाता है तो उसे अपराध नहीं माना जाता है.
केंद्र सरकार भी मैरिटल रेप को अपराध की श्रेणी में लाने के खिलाफ है. केंद्र सरकार हाईकोर्ट में कह चुकी है कि ऐसा करने से विवाह की संस्था अस्थिर हो सकती है और पतियों को सताने के लिए ये एक आसान औजार हो सकता है.
हाईकोर्ट में लंबित इस मामले के बीच सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़ी याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया और हाईकोर्ट जाने के लिए कह दिया.
For latest update on mobile SMS to 52424 . for Airtel , Vodafone and idea users . Premium charges apply !!
अनीषा माथुर